मोटर वेहिकल एक्ट के तहत मुआवजा व क्लेम के निबटारे पर कार्यशालाधनबाद, रांची, बोकारो, जमशेदपुर में क्लेम केसेज बहुत ज्यादारांची. क्लेम का जल्द निबटारा ज्वलंत मुद्दा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट से कई फैसले आ चुके हैं. फैसलों का अध्ययन किया जाये. न्यायिक अधिकारी अपनी मानसिकता बदलें. त्वरित न्याय के लिए मानसिकता में बदलाव जरूरी है. सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद पीडि़त पक्ष को समुचित मुआवजा दिलाया जाये. अधिकारी सिर्फ सिविल या क्रिमिनल जज नहीं बनें, बल्कि क्लेम को देखें, भुक्तभोगी परिवार की जरूरतों को देखें और फैसला सुनायें. उक्त बातें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमवाइ इकबाल ने कहीं. वे शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि झारखंड ज्यूडिशियल एकेडमी के सभागार में मोटर वेहिकल एक्ट के तहत आयोजित वर्कशॉप ऑन क्लेम ऑफ कंपनसेशन एंड प्रिंसिपल जस्ट कंपनसेशन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. जस्टिस इकबाल ने कहा कि वर्ष 1914 में एक्ट बना था, लेकिन 1956 में बनाये गये एक्ट में क्लेम का प्रावधान किया गया. उक्त कानून संतोषजनक नहीं था. 1988 में भी मोटर वाहन अधिनियम बना. 1994 में संशोधन के बाद एक्सिडेंटल क्लेम के लिए सामान्य प्रावधान किये गये. चीफ जस्टिस आर भानुमति ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि कोर्ट सक्रिय भूमिका निभाये. घरेलू महिला, बच्चों के मामलों में भी मुआवजा देने पर फैसले लिये जायें. धनबाद, रांची, बोकारो, जमशेदपुर में क्लेम केसेज बहुत अधिक है. क्लेम मामलों का स्पीडी डिस्पोजल जरूरी है. जस्टिस आरआर प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवेश कराया. क्लेम का कैसे जल्दी निबटारा हो, इस विषय पर लिखित पुस्तक का जस्टिस इकबाल व चीफ जस्टिस आर भानुमति ने विमोचन किया. जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर हाइकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार, जस्टिस पीपी भट्ट, जस्टिस एचसी मिश्रा, जस्टिस डीएन उपाध्याय, जस्टिस अपरेश कुमार सिंह, जस्टिस एस चंद्रशेखर, ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक आरएन वर्मा सहित विभिन्न जिलों के जिला जज उपस्थित थे.
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त्वरित न्याय के लिए मानसिकता बदलें अधिकारी : जस्टिस इकबाल
मोटर वेहिकल एक्ट के तहत मुआवजा व क्लेम के निबटारे पर कार्यशालाधनबाद, रांची, बोकारो, जमशेदपुर में क्लेम केसेज बहुत ज्यादारांची. क्लेम का जल्द निबटारा ज्वलंत मुद्दा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट से कई फैसले आ चुके हैं. फैसलों का अध्ययन किया जाये. न्यायिक अधिकारी अपनी मानसिकता बदलें. त्वरित न्याय के लिए मानसिकता में बदलाव जरूरी […]
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