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मोबाइल पर बात करना होगा महंगा

ट्राई का संकेत, 8-9 फीसदी तक बढ़ सकते हैं रेटनयी दिल्ली टमाटर की बढ़ती कीमतों से परेशान जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है. अब मोबाइल पर बातें करना भी महंगा होगा. ट्राई के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने शुक्रवार को संकेत दिये कि मोबाइल कॉल की दरों में सालाना 8 से 9 […]

ट्राई का संकेत, 8-9 फीसदी तक बढ़ सकते हैं रेटनयी दिल्ली टमाटर की बढ़ती कीमतों से परेशान जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है. अब मोबाइल पर बातें करना भी महंगा होगा. ट्राई के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने शुक्रवार को संकेत दिये कि मोबाइल कॉल की दरों में सालाना 8 से 9 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है क्योंकि कंपनियां फ्री मिनट्स में कटौती करेंगी.अंगरेजी अखबार ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ के साथ बातचीत खुल्लर ने बताया कि अभी एवरेज टैरिफ तो 1.2 रु पये प्रति मिनट है, लेकिन इंडस्ट्री को सिर्फ44-45 पैसे का ही रेट मिलता है. इसलिए यूजर्स को कॉल रेट्स में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि इसका उपभोक्ताओं को अहसास नहीं होगा क्योंकि टेलीकॉम ऑपरेटर्स फ्री मिनट्स और दूसरे ऑफर्स वापस ले रहे हैं. इसका मतलब यह है कि सब्सक्र ाइबर्स के लिए फ्री एसएमएस और टॉकटाइम में कमी आ सकती है.खुल्लर ने यह भी कहा कि अगर टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ में बढ़ोतरी करती हैं, तो इसका गलत मेसेज जायेगा. उन्होंने बताया, हमें हेडलाइन टैरिफ में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है. अगर ऐसा होता है तो अथॉरिटी इस मामले को देखेगी और वह अलग-अलग मामलों के आधार पर दखल दे सकती है. खुल्लर ने यह भी कहा कि सरकार को हाई स्पीड एक्सेस वाली स्पेक्ट्रम कंपनियों के लिए जल्द खोलने चाहिए. खुल्लर का मानना है कि टेलीकॉम सेक्टर के विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) के नये नियम बहुत सख्त हैं और इनसे कंसॉलिडेशन का मकसद पूरा नहीं होगा.

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