दीपक
रांची : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना में खरकई डैम के निर्माण से संबंधित निविदा को लेकर विवाद उभर गया है. 700 करोड़ की योजना पर विभागीय निविदा समिति और परियोजना के मुख्य अभियंता कार्यालय के बीच विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है.
विभागीय निविदा समिति का कहना है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के नियम 4.18 के तहत किसी भी स्थिति में एकल निविदा दाता कंपनी को कार्यादेश नहीं दिया जा सकता है. समिति ने सिंगल रीस्पांसिव निविदा को रद्द करने का सुझाव दिया है.
निविदा समिति का कहना है कि प्री क्वालिफिकेशन की शर्तो में एक खास कंपनी को मदद पहुंचाने के लिए नियम बनाये गये हैं. समिति ने इसको लेकर तकनीकी बिड नहीं खोलने का निर्देश भी दिया है.
दूसरी ओर मुख्य अभियंता विवेकानंद मिश्र ने इस संबंध में जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि निविदा को रद्द करने का औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा है कि अकारण निविदा रद्द करने से राज्य कोष और परियोजना पर आठ से दस प्रतिशत का अतिरिक्त व्यय वहन करना होगा.
सीवीसी के नियमों के अनुसार एकल निविदा दी जा सकती है. अभियंता प्रमुख की ओर से निविदा की शर्तो का विभागीय अनुमोदन नहीं कराया गया है. इससे परेशानी हो रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि बाहरी वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए डोनर एजेंसी के गाइड लाइन पर कार्य की निविदा करायी जा सकती है.