रांची : सरकार ने शिक्षक बहाली में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अभ्यर्थियों के लिए कट ऑफ मार्क्स 45 से घटाकर 40% करने का फैसला किया है. वहीं, आदिम जनजाति के सदस्य 38 प्रतिशत अंक लाने पर शिक्षक बन सकेंगे. कार्मिक विभाग की समीक्षा के दौरान शुक्रवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास को बताया गया कि अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र लंबे समय तक पिछड़े होने के कारण कट ऑफ के आधार पर इस समुदाय से शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं. अफसरों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षक बहाली में एससी-एसटी के अभ्यर्थियों के लिए कट ऑफ मार्क्स 45 से घटाकर 40% और आदिम जनजाति के लिए 38% करने का निर्देश दिया.
आदिम जनजाति को 30% अंक लाने पर सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिम जनजाति समाज के युवक-युवतियों को नौकरी के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में राज्य सरकार द्वारा कट ऑफ मार्क्स में छूट दी जा रही है.अब विभिन्न चयन प्राधिकार की प्रतियोगिता परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स 30 प्रतिशत रखने का का निर्णय लिया गया है.
25 शब्द प्रति मिनट व पांच प्रतिशत से कम गलती वाले बनेंगे लिपिक
मुख्यमंत्री ने लिपिक के पदों के लिए 25 शब्द प्रति मिनट तथा दो प्रतिशत से अधिक गलती न होने की जगह पांच प्रतिशत से अधिक गलती न होने को जोड़ने का निर्देश दिया. आशुलिपिक के लिए शून्य प्रतिशत के बदले दो प्रतिशत से अधिक गलती न होने को जोड़ने के लिए भी कहा. चयनित अभ्यर्थियों को अनिवार्य टाइपिंग प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जायेगा.
चार सालों में 45 हजार से अधिक लोगों की नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में विभिन्न पदों पर 45,176 लोगों की सीधी नियुक्ति की गयी. अधिकारी आने वाले छह महीनों में 15,139 प्रक्रियाधीन नियुक्ति भी पूरी करें. प्रक्रियाधीन 3,676 रिक्तियों पर 2,734 पद पर सितंबर तक व शेष पर दिसंबर तक बहाली पूरी करें. अगले छह महीनों में विभिन्न विभागों की लगभग 20 हजार सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
स्थानीय नीति का मिला है फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय नीति लागू होने से राज्य के युवाओं को पूरा फायदा मिला है. सरकारी नियुक्तियों में 95 प्रतिशत स्थानीय लोगों को लाभ मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के 14 वर्ष बाद भी किसी सरकार ने स्थानीय नीति को लागू नहीं की थी. इससे राज्य की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती थी.
प्रमाण पत्र निर्गत करने में कोताही बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल को राज्य के सभी प्रखंडों के बीडीअो व सीओ को प्रमाण पत्र से जुड़े लंबित आवेदनों का निष्पादन 30 दिनों के अंदर करने का निर्देश दिया. कहा कि जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि निर्गत करने से संबंधित शिकायतें मिल रही हैं. अनावश्यक रूप से प्रमाण पत्र निर्गत नहीं करने वाले बीडीओ, सीओ पर कार्रवाई की जायेगी. किसी प्रकार की परेशानी होने पर लोग 181 पर शिकायत दर्ज करायें. काम लटकाने वाले अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई होगी.
ग्राम सभा व वार्ड समिति की अनुशंसा से भी निर्गत होंगे प्रमाण पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि खतियान में नाम नहीं होने पर लोगों को जाति व आवासीय प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड कार्यालय दौड़ने की जरूरत नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में सीधे ग्राम सभा या मुखिया की अनुशंसा के आधार पर प्रमाण पत्र बनाये जायेंगे. शहर में वार्ड समिति की अनुशंसा पर प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा. बैठक में मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, शिक्षा सचिव एपी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सचिव जेपीएससी रणेंद्र कुमार, राजू रंजन, एके खेतान, एके सत्यजीत, ओम प्रकाश शाह, सतीश कुमार जायसवाल, चंद्रभूषण प्रसाद समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
- आदिम जनजाति के लिए कट ऑफ मार्क्स 38 प्रतिशत तय
- छह महीने में 20 हजार लोगों को मिलेगी सरकारी नौकरी
- सरकारी नियुक्तियों में 95 प्रतिशत स्थानीय लोगों को लाभ मिला
अमीन कोर्स में पास छात्रों की सीधी नियुक्त
मुख्यमंत्री ने राज्य में अमानत (अमीन) की रिक्तियों को भरने के लिए रांची विश्वविद्यालय में चल रहे अमीन के पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण छात्रों का कैंपस सलेक्शन करने के निर्देश दिये. कहा कि रांची विश्वविद्यालय से अमीन की पढ़ाई करने वालों की सीधी नियुक्ति करें. उन्होंने सर्ड में अमीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की शुरुआत करने को कहा.