रांची : केंद्र सरकार ने राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों के मानदेय में दस फीसदी की बढ़ोतरी की है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के समग्र शिक्षा अभियान के बजट में राज्य की ओर से पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. शुक्रवार को स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों के समक्ष राज्य का बजट प्रस्तुत किया.
पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र सरकार ने 946 करोड़ रुपये दिये है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए भारत सरकार ने 2134 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. राज्य सरकार ने इस वर्ष जनवरी में पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी की थी. इस कारण केंद्र द्वारा दस फीसदी की वृद्धि के बाद भी पारा शिक्षकों को वर्तमान में मिल रहे मानदेय में कोई वृिद्ध नहीं होगी.
केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 के मानदेय के आधार पर पारा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की है. जबकि राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद इस वर्ष जनवरी से मानदेय में बढ़ोतरी कर दी थी. एक जनवरी 2019 से पारा शिक्षकों को बढ़े हुए मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा दस फीसदी की बढ़ोतरी से पारा शिक्षकों के मानदेय में राज्य सरकार पर मानदेय बढ़ोतरी का वित्तीय बोझ कम होगा.
केंद्र सरकार ने राज्य के तीन हजार बीआरपी-सीआरपी के मानदेय में भी दस फीसदी की बढ़ोतरी को स्वीकृति दी है. राज्य की ओर परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह व शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारियों ने बजट प्रस्तुत किया.
राज्य सरकार ने 45 फीसदी तक की है बढ़ोतरी : केंद्र सरकार ने मानदेय में दस फीसदी की बढ़ोतरी की है, जबकि राज्य सरकार इस वर्ष जनवरी में ही मानदेय में अधिकतम 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है. केंद्र सरकार द्वारा की गयी बढ़ोतरी के बाद की अतिरिक्त राशि का भुगतान राज्य सरकार अपने मद से करेगी.
दस हजार पारा शिक्षकों का नहीं दिया मानदेय
केंद्र सरकार ने इस वर्ष 57 हजार पारा शिक्षकों के लिए ही मानदेय को स्वीकृति दी. दस हजार पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र ने राशि नहीं दी. गत वर्ष लगभग 23 हजार पारा शिक्षकों का मानदेय केंद्र सरकार ने नहीं दिया था.
जिन पारा शिक्षकों का मानदेय केंद्र सरकार ने नहीं दिया है, उनके मानदेय की शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार की ओर से वहन किया जायेगा. केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य में शिक्षकों के जो स्वीकृत पद हैं, राज्य सरकार उस पर नियुक्ति करें. उल्लेखनीय है कि स्वीकृत पद पर नियुक्त सरकारी शिक्षक को राज्य की ओर से वेतन का भुगतान किया जाता है
कस्तूरबा विद्यालय को अब एक करोड़ : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को अब तक केंद्र सरकार की ओर से प्रति विद्यालय 60 लाख रुपये दिये जाते थे. अब केंद्र सरकार एक करोड़ रुपये देगी.
- मानदेय में झारखंड सरकार ने 45 फीसदी तक पहले ही कर चुकी है वृद्धि
- राज्य सरकार ने पहले ही बढ़ा दी है मानदेय, पारा शिक्षकों को नहीं होगा वित्तीय लाभ
- राज्य के तीन हजार बीआरपी-सीआरपी के मानदेय में बढ़ोतरी को केंद्र की मंजूरी
- भारत सरकार ने राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा के बजट को दी मंजूरी
- पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र सरकार ने 946 करोड़ दिये
बजट की मुख्य बातें
- झारखंड के 400 हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय में स्मार्ट क्लास की होगी शुरुआत
- हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालयों में यूथ क्लब व इको क्लब का होगा गठन
- राज्य के 200 स्कूलों में वोकेशनल पाठ्यक्रम की पढ़ाई को केंद्र सरकार की स्वीकृति
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को 60 लाख की जगह अब केंद्र देगा एक करोड़
- बीआरपी-सीआरपी के मानदेय में दस फीसदी की बढ़ोतरी को स्वीकृति
- खेल व शारीरिक शिक्षा के लिए केंद्र सरकार 1544 लाख रुपये देगा
- वोकेशनल शिक्षा के लिए 3438.69 लाख रुपये की स्वीकृति
- शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत संचालित योजनाओं के लिए 35925.29 लाख
- टीचर एजुकेशन के लिए 845 लाख
- समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित हाेनेवाले कार्यक्रम के लिए 10165.52 लाख
पारा शिक्षकों का मानदेय
प्राथमिक शिक्षक
कोटि पूर्व मानदेय बढ़ोतरी के बाद
टेट पास 9169 14000
प्रशिक्षित 8954 12000
अप्रशिक्षित 8228 10500
उच्च प्राथमिक कक्षा
कोटि पूर्व मानदेय बढ़ोतरी के बाद
टेट पास 10164 15000
प्रशिक्षित 9680 13000
अप्रशिक्षित 8954 11500
इधर, पारा िशक्षकों का िफर अल्टीमेटम,30 तक शर्तें नहीं मानी गयी तो, िफर आंदोलन
पारा शिक्षक जनवरी में हुए समझौते की शर्तों को लागू करने की मांग को लेकर फिर आंदोलन करेंगे. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक शुक्रवार को मोरहाबादी में हुई. इसमें पिछले आंदोलन के बाद हुए समझौते को लागू करने को लेकर अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की गयी. निर्णय लिया गया कि अगर सरकार 30 जून तक समझौते के अनुरूप मांगों को पूरा नहीं करती है तो पारा शिक्षक फिर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
समझौते की शर्तों को लागू करने को लेकर मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलेगा. 30 जून तक समझौते के सभी बिंदुओं को लागू करने की मांग करेगा और मांग पूरी नहीं होने पर पारा शिक्षक एक जुलाई से चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे.
गैर शैक्षणिक कार्य का करेंगे विरोध
आंदोलन के प्रथम चरण में पारा शिक्षक ज्ञानसेतु कार्यक्रम, बाॅयोमीट्रिक्स उपस्थिति समेत सभी गैर शैक्षणिक कार्य का विरोध करेंगे. वक्ताओं ने कहा कि स्थायीकरण और वेतनमान पारा शिक्षकों की मूल मांग है. मोर्चा की अगली बैठक जिला मुख्यालयों में 16 जून को होगी.
इसमें जिला स्तर पर तीन सदस्यों का सर्वसम्मति से चयन किया जायेगा. जिलास्तर पर चयनित सदस्यों के साथ राज्यस्तरीय बैठक होगी. बैठक में नरोत्तम सिंह मुंडा, प्रद्युमन सिंह, संजय दूबे, ऋषिकेश पाठक, बजरंग प्रसाद, नारायण महतो, बेलाल अहमद, चंदन मेहता, शंकर प्रसाद, प्रमोद कुमार, जसीम अंसारी, जितेंद्र कुमार, दिनेश कुमार महतो, सुशील पांडेय, सुमित तिवारी, सुजीत कुमार समेत अन्य लोग शामिल थे.
नियमावली के लिए राज्य भ्रमण बंद करे विभाग
- वक्ताओं ने कहा कि सरकार पारा शिक्षकों के लिए जल्द नियमावली बनाये. सरकार नियमावली बनाने के लिए राज्य भ्रमण का कार्यक्रम बंद करे. सरकार शिक्षक हित में जल्द नियमावली बनाये.
- एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्य पदाधिकारियों की बैठक में लिया निर्णय
- जनवरी में शिक्षा मंत्री के साथ हुए समझौते को 30 जून तक लागू करने की मांग
- मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलेगा मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल