रांची : मुरी स्थित हिंडाल्को प्लांट के रेड मड पाैंड के क्षतिग्रस्त होने से हो रहे नुकसान को लेकर हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.
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रांची : रेड मड से होनेवाले नुकसान को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जायें : हाइकोर्ट
रांची : मुरी स्थित हिंडाल्को प्लांट के रेड मड पाैंड के क्षतिग्रस्त होने से हो रहे नुकसान को लेकर हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व जस्टिस एचसी मिश्र की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. रेड मड पाैंड […]
रेड मड पाैंड (कॉस्टिक तालाब) के क्षतिग्रस्त होने के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अलग-अलग जांच समिति का गठन किया है.
ऐसे में मुख्य सचिव दोनों समितियों के बीच समन्वय बनायें तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करें. अगली सुनवाई 14 जून काे होगी. कोर्ट ने कहा कि इस दाैरान संबंधित पक्ष सभी सुरक्षात्मक कदम उठायें, ताकि रेड मड से पर्यावरण को क्षति नहीं पहुंचे तथा मानव समुदाय पर भी विपरीत असर नहीं हो.
इससे पूर्व प्रतिवादी हिंडाल्को की अोर से अधिवक्ता विजयकांत दुबे ने बताया कि 10 अप्रैल को रेड मड तालाब में दुर्घटना हुई थी. तालाब का बांध क्षतिग्रस्त हो गया था. पर्यावरण के साथ-साथ उससे किसी को नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए सभी जरूरी निरोधात्मक कदम उठाये गये हैं. रेड मड को हटाया जा रहा है. जगह साफ की जा रही है. राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने समिति बनायी है.
वह मामले की जांच कर रही है. वहीं प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता निखिल कुमार मेहता ने खंडपीठ को बताया कि रेड मड पाैंड का बांध टूटने से लगाम गांव सहित आसपास के इलाके के पर्यावरण पर असर पड़ रहा है. जमीन के साथ भूमिगत जल भी प्रदूषित हो गया है. पास में ही नहर बहती थी, उसमें रेड मड स्लज भर गया है.
रेड मड को हटाया जाये. बारिश शुरू होने के पहले नहर में जमे रेड मड स्लज को साफ किया जाये, ताकि वह बह कर खेतों में आैर स्वर्णरेखा नदी में नहीं जा सके. बाकी बचे गार्डवाल की जांच की जाये. यदि वह भी क्षतिग्रस्त होनेवाली है, तो उसका पुनर्निर्माण किया जाये. रेड मड के पहाड़ को हटाने की मांग की.
आसपास के इलाके से रेड मड को हटा कर पूर्व की स्थिति बहाल की जाये. राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता विकास कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी आरुणि सोनार व दीपक कुमार ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने क्षति का आकलन कर मुआवजा देने तथा पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाली सभी गतिविधियों को बंद करने की मांग की गयी है.
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