रांची: यूनाइटेड इन्वाजेलिकल लूथेरन चर्चेज इन इंडिया की तरफ से मंगलवार को ‘चर्च व समाज में महिलाएं’ विषय पर सेमिनार हुआ. सेमिनार में गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज की प्राध्यापक रेव्ह इदन टोपनो ने कहा कि स्त्री- पुरुष के बीच समानता, न्याय और महिलाओं को पादरी बनाने के संदर्भ में अवधारणाओं का स्पष्ट होना जरूरी है. समान भूमिकावाले अवसरों में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित कराने की जरूरत है.
गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज के प्राचार्य रेव्ह मनमसीह एक्का ने कहा कि ईशशास्त्र के अध्ययन के लिए पुरुष व महिलाओं को पढ़ाई के लिए भी प्रोत्साहित करना आवश्यक है. थियोलॉजी की पढ़ाई के लिए स्नातक की डिग्री जरूरी है. उच्चतर अध्ययन के निमित्त गुरुकुल भेजने के लिए गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज से बराबर संख्या में छात्र-छात्रएं भेजने का प्रयास किया जायेगा.
सिर्फ एक महिला ने की पीएचडी
यूइएलसीआई वीमेंस डेस्क की सचिव रंजीता बोरगोआरी ने कहा कि अब तक सिर्फ एक महिला ने ही डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. नॉर्दन इन्वालेजिकल लूथेरन चर्च की संजीता किस्कू को अब तक पादरी नहीं बनाया गया है. लंबे पाठ्यक्रम के कारण कई बार महिलाएं इस क्षेत्र में नहीं आना चाहती. बीए के बाद चार और इंटर के बाद पांच साल का पाठ्यक्रम है.