21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : रामटहल चौधरी ने भाजपा छोड़ी, निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव, 16 अप्रैल को करेंगे नामांकन

रांची : सांसद रामटहल चौधरी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भेज दिया है. श्री चौधरी ने कहा: मैंने जनसंघ के समय से अब तक भाजपा के रूप में पार्टी को सींचने का काम किया. परंतु दुख के साथ कहना पड़ रहा है […]

रांची : सांसद रामटहल चौधरी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भेज दिया है. श्री चौधरी ने कहा: मैंने जनसंघ के समय से अब तक भाजपा के रूप में पार्टी को सींचने का काम किया. परंतु दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व ने उम्र का हवाला देकर टिकट नहीं दिया. अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा और 16 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करूंगा.
रांची में बुधवार को पत्रकारों से श्री चौधरी ने कहा कि अब भाजपा में यस मैन की राजनीति हो रही है, जो मुझे कतई बर्दाश्त नहीं है. यहां तानाशाही रवैया हावी है. पार्टी को सींचने वाले लालकृष्ण आडवाणी को दरकिनार कर दिया गया. जनता की बात उठाने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर कर दिया जा रहा है. भाजपा में पहले यह संस्कृति नहीं थी. अटल-अडवाणी सभी से राय-मशविरा कर फैसला लेते थे.
अब फैसला लेकर उसे थोपा जाता है. शत्रुघ्न सिन्हा ने नोटबंदी व जीएसटी का सवाल उठाया तो उन्हें भी नजरअंदाज कर दिया गया. नोटबंदी कर लोगों को लाइन में खड़ा करना गलत था.
टिकट काटना था तो मुझे पहले बताते
उन्होंने कहा कि मुझे टिकट नहीं देना था तो पार्टी नेतृत्व मुझसे दो माह पहले बात करता. अचानक फोन कर कहा जाता है कि आप लिख कर दें कि चुनाव नहीं लड़ेंगे. मैंने उस दिन ही कह दिया था कि मैं जरूर चुनाव लड़ूंगा.
राजनीतिक पार्टियां सीट जीतने के लिए उम्मीदवार देती हैं. भाजपा में क्षेत्र की जनता से पूछे बगैर कंप्यूटर पर उम्मीदवार तय किया जा रहा है. लोगों से पार्टी ऑनलाइन सदस्यता करायी जा रही है तो फिर कार्यकर्ता वोट भी ऑनलाइन ही देंगे क्या?
मेरे लिए जनता का हित सर्वोपरि
श्री चौधरी ने कहा कि मेरे लिए जनता का हित सर्वोपरि रहे. मैंने उनकी बातें जोरदार तरीके से संसद और सरकार के समक्ष रखी. पारा शिक्षकों व स्कूल मर्जर के मामले को लेकर लोकसभा में आवाज उठायी. मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आपत्ति जतायी. स्थानीय नीति और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये जा रहे संशोधन का विरोध किया. स्थानीय नीति में छेद होने की वजह से आज बाहरी लोग झारखंड के युवाओं का हक मार रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें