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रांची : जरूरी हो तभी करायें सीटी स्कैन व एक्सरे
रेडिएशन का शरीर पर पड़ता है दुष्प्रभाव आइआरआइए, झारखंड चैप्टर के वार्षिक सम्मेलन में बोले डॉ के मोहन रांची : केरल से आये रेडियोलॉजिस्ट डॉ के मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी चपेट में लोग आ रहे हैं. बीमारियां बढ़ रही हैं, तो मेडिकल साइंस में नये-नये शोध […]
रेडिएशन का शरीर पर पड़ता है दुष्प्रभाव
आइआरआइए, झारखंड चैप्टर के वार्षिक सम्मेलन में बोले डॉ के मोहन
रांची : केरल से आये रेडियोलॉजिस्ट डॉ के मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी चपेट में लोग आ रहे हैं. बीमारियां बढ़ रही हैं, तो मेडिकल साइंस में नये-नये शोध भी हो रहे हैं. इलाज जांच पर आधारित हो गया है.
लोगों को इसका लाभ भी हो रहा है, लेकिन कई जांच का दुष्प्रभाव भी है. सीटी स्कैन व एक्स-रे जांच से रेडिएशन निकलता है, जिससे शरीर पर असर पड़ता है. यह दोनों जांच जरूरी होने पर ही करायें. डॉ मोहन शनिवार को आइएमए भवन में इंडियन रेडियोलॉजिकल इमेजिंग एसोसिएशन (आइआरआइए), झारखंड चैप्टर के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि रेडिएशन से बचने के लिए चिकित्सक सीटी स्कैन व एक्स-रे बीमारी की आवश्यकता के हिसाब से करायें. एमआरआइ व अल्ट्रासाउंड में रेडिएशन नहीं के बराबर होता है. न्यूरो सर्जन को अगर लगता है कि सीटी कराना जरूरी है, तभी करायें. डॉ के मोहन ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट का दुरुपयोप राेकने के लिए एसोसिएशन द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
कार्यक्रम में पटना से डॉ उपासना सिन्हा, रांची के डॉ सुरेश टोप्पाे, एम्स पटना से डॉ सुभाष कुमार आदि ने अपने विचार रखे. इस मौके पर चिकित्सकों ने कहा कि देश में रेडियोलॉजिस्ट की संख्या बहुत कम है. ऐसे में सरकार को मेडिकल कॉलेजों में रेडियोलॉजी की सीटें बढ़ानी चाहिए. आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि सम्मेलन से राज्य के चिकित्सकाें को लाभ मिलेगा.
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