9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : सामाजिक संगठनों ने ही जिंदा रखा जल, जंगल व जमीन का मुद्दा : सहाय

रांची : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड लोकतांत्रिक मंच के 31 सूत्री जन घोषणा पत्र पर विमर्श के लिए गोस्सनर कंपाउंड स्थित एचआरडीसी में रविवार को सेमिनार हुआ. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जल, जंगल व जमीन का मुद्दा सामाजिक संगठनों ने ही जिंदा रखा है. जन संगठनों की […]

रांची : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड लोकतांत्रिक मंच के 31 सूत्री जन घोषणा पत्र पर विमर्श के लिए गोस्सनर कंपाउंड स्थित एचआरडीसी में रविवार को सेमिनार हुआ. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जल, जंगल व जमीन का मुद्दा सामाजिक संगठनों ने ही जिंदा रखा है. जन संगठनों की लड़ाई के कारण ही सरकार को सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव वापस लेना पड़ा. श्री सहाय ने 31 सूत्री जन घोषणा पत्र का समर्थन किया.
दयामनी बारला ने कहा कि जन आंदोलनों ने जन-जन की आवाज को बुलंद कर सरकार की जन विरोधी नीतियों को परास्त किया है़ झारखंड को अब तक बचा कर रखा है. ऐसे में जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जन आंदोलन के सदस्यों को महागठबंधन में उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.
कार्यक्रम में सीपीएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य प्रकाश विप्लव, झारखंड लोकतांत्रिक मंच के संयोजक अशोक वर्मा, एस अली (ऑल मुस्लिम यूथ एसोसिएशन), नदीम खान (एआइपीएफ), रतन तिर्की(टीएसी सदस्य), थियोडोर किड़ो (आदिवासी सेंगेल आंदोलन के अध्यक्ष), शैलेंद्र , फैसल अनुराग, बलराम, अशोक वर्मा, जेम्स हेरेंज, ज्यां द्रेज, अलोका कुजूर (एनएपीएम), लूथर तोपनो (पड़हा राजा), सुशीला टोपनो (ग्राम सभा आंदोलन), प्रेमचंद मुर्मू (आदिवासी बुद्धिजीवी मंच) व अन्य मौजूद थे.
लोकतंत्र और हिंदुस्तानियत आज का सबसे बड़ा मसला : कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो हसन रजा ने कहा कि आज का सबसे बड़ा मसला लोकतंत्र और हिंदुस्तानियत का है. दोनों को एक दूसरे से ताकत मिलती है.
वह इस बात से असहमत हैं कि जिस क्षेत्र में जिसकी संख्या ज्यादा है, उसे ही उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए. ऐसी मांगों से हिंदुस्तानियत कमजोर होती है. महत्वपूर्ण यह है कि उम्मीदवार योग्य हो और जिसके अंदर समाज के सभी वर्गों को साथ ले कर चलने और उनकी समस्याओं को हल करने की काबिलियत हो. कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों ने घोषणा पत्र में शामिल मांगों का समर्थन किया. संचालन अफजल अनीस ने किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें