कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा
रांची : राज्य के कुरमी/कुड़मी को जल्द से जल्द एसटी में सूचीबद्ध नहीं किया गया तो आनेवाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी दल को दोबारा सत्ता में नहीं आने देंगे. राज्य के कुरमी/कुड़मी इस बात का प्रण ले चुके हैं और सत्ताधारी दल की मंशा को भी समझ चुके हैं.
उक्त बातें गुरुवार को कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने गुरुवार को कही. श्री ओहदार होटल महाराजा में प्रेस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि समाज की मांगों को लेकर 27 जनवरी को मोरहाबादी में आयोजित कुरमी/कुड़मी आक्रोश महारैली ऐतिहासिक होगी. रैली में पूरे प्रदेश से 10 लाख से अधिक लोग जुटेंगे. महारैली को लेकर राजधानी में 10 तोरण द्वार बनाये गये हैं. चौक–चौराहाें पर झंडा, बैनर लगाये गये हैं.
श्री ओहदार ने कहा कि आक्रोश महारैली के माध्यम से टोटेमिक कुरमी/कुड़मी (महतो) जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने, कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने तथा सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग की जायेगी.
इसके बाद भी अगर सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में वर्तमान सरकार को दोबारा सत्ता में आने नहीं देंगे. श्री ओहदार ने कुरमी/कुड़मी समाज के लोगों से अपील की कि 27 जनवरी को सभी काम छोड़कर महारैली में शामिल हों. केंद्रीय सचिव रामपोदो महतो ने कहा कि कुरमी/कुड़मी आक्रोश महारैली की सफलता को लेकर पांच महीनों तक गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया है.
महारैली के प्रति लोगों के रुझान से पता चलता है कि लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे. केंद्रीय मीडिया प्रभारी ओम प्रकाश महतो ने कहा कि महारैली में व्यवस्था को संभालने के लिए समाज के 500 वोलेंटियर चौक–चौराहाें पर तैनात रहेंगे.
उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न करें और न ही महारैली में आने से लोगों को रोकें. कार्यक्रम को केंद्रीय उपाध्यक्ष राजेश महतो, रूपलाल महतो, सखीचंद महतो आदि ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर राजेश महतो, रूपलाल महतो, कुमार तन्नु, विराट महतो, सोना लाल महतो आदि उपस्थित थे.