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Friday, March 29, 2024

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ग्लोबल स्किल समिट में झारखंड के 1,06,619 युवकों को मिला रोजगार

एथलेटिक्स स्टेडियम में समारोह : आठ संस्थानों के साथ एमअोयू, छह स्किल सेंटर भी लांच रांची : खेलगांव का एथलेटिक्स स्टेडियम बुधवार को एक लाख छह हजार 619 युवाअों को एक साथ रोजगार देने का गवाह बना. कौशल विकास मिशन सोसाइटी के ग्लोबल स्किल समिट-2019 में 17 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, काउंसेलर, अधिकारी इसके गवाह […]

एथलेटिक्स स्टेडियम में समारोह : आठ संस्थानों के साथ एमअोयू, छह स्किल सेंटर भी लांच
रांची : खेलगांव का एथलेटिक्स स्टेडियम बुधवार को एक लाख छह हजार 619 युवाअों को एक साथ रोजगार देने का गवाह बना. कौशल विकास मिशन सोसाइटी के ग्लोबल स्किल समिट-2019 में 17 देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, काउंसेलर, अधिकारी इसके गवाह बने. स्किल के क्षेत्र में आठ संस्थानों के झारखंड सरकार ने एमअोयू किया.
वहीं राज्य में कोडरमा, रांची, पलामू, लोहरदगा, जामताड़ा आदि इलाकों में स्किल केंद्र खोले गये. एक लाख छह हजार 619 युवाअों में से 10 युवाअों को टोकन के रूप में नियुक्ति पत्र सौंपा गया. इनमें एक युवक को सबसे अधिक 11 लाख रुपये के पैकेज पर टाटा स्टील में नौकरी दी गयी.
झारखंड में विश्व की अर्थव्यवस्था को संभालने की ताकत : केंद्रीय पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस व स्किल डेवलपमेंट मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि झारखंड विश्व की अर्थव्यवस्था को संभालने की ताकत रखता है. झारखंड अनोखा राज्य है.
इसके पास अपार संभावनाएं व सामर्थ है. झारखंड व वियतनाम की स्थिति एक जैसी है. आज वियतनाम चीन को उद्योग में टक्कर दे रहा है. इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड को 21 वीं शदी में अर्थ नीति की शक्ति बनायें. झारखंड में प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है.
जंगलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर लोग अफ्रीका की बजाये झारखंड आना पसंद करेंगे. उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी में दुनिया तेजी से डिजिटलाइज्ड हो रहा है. इसमें पूर्वी भारत सबसे आगे है. झारखंड ने एक लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर अनोखा काम किया है. जापान, यूरोप व अमेरिका में मानव संसाधन की आवश्यकता है. झारखंड इस कमी को पूरा कर सकता है. दुबई में 2020 में 50 हजार ड्राइवरों की बहाली होनी है. अगर झारखंड इसमें से 10 हजार ड्राइवरों की जरूरत पूरी करता है, तो यहां के लोगों में संपन्नता आयेगी.
70 साल बाद मिलेगा गरीबों को आरक्षण
प्रधान ने कहा कि भारत के संविधान बनाने वाले महापुरुषों सामाजिक व पिछड़े व जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की थी. आरक्षण का दायरा 50 प्रतिशत तक सीमित था. केंद्र सरकार ने आजादी के 70 साल बाद संविधान में 124 वां संशोधन कर आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिलाने काम किया है.
प्रमुख लोग जो थे मौजूद
मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, राज्य की शिक्षा मंत्री मंत्री डॉ नीरा यादव, कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी, कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी, श्रम मंत्री राज पालिवार सहित मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डॉ डीके तिवारी, वित्त अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल, कौशल मिशन सोसाइटी के निदेशक रवि रंजन, सीइअो अमर झा, अभिनेत्री महिमा चौधरी, पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा, मोटिवेटर संदीप कोचर, एंकर चारू शर्मा, रोहित राय व अन्य मौजूद थे.
सम्मानजनक राशि मिले युवाओं को ताकि नौकरी न छोड़ें
राज्यपाल ने कहा
ग्लोबल स्किल समिट-2019 में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ग्लोबल स्किल समिट में देश के विभिन्न कंपनियों एवं औद्योगिक घरानों द्वारा युवाओं को रोजगार सुलभ कराने की दिशा में की गयी पहल की सराहना की.
साथ ही कहा कि वे इस बात का ध्यान रखें कि युवाओं को सम्मानजनक राशि मिले, ताकि उन्हें शीघ्र अथवा एक-दो माह में ही नौकरी त्याग करने की नौबत न आयें. राष्ट्रहित में सभी कंपनियां युवाओं के साथ सकारात्मक सोच रखें. उन्हें युवाओं से पूरा काम लेने का हक है, लेकिन वे मेधा का भी सम्मान करें.
युवाओं की दशा को अपनी संतान की दशा समझकर कोई निर्णय लें. नौकरी मिलने में उतनी प्रसन्नता नहीं होती है, जितना कि नौकरी जाने का गम. नौकरी जाने पर युवा डिप्रेशन में चले जाते हैं. इस पर हमें चिंतन करने की जरूरत है.
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के युवा मेधावी हैं. वे परिश्रमी और विपरीत एवं विषम हालात में भी अच्छा करने की क्षमता रखते हैं. उनमें हर क्षेत्र में असीम प्रतिभा है, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है.
पूरा देश इसका साक्षी है. यहां के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा से राज्य ही नहीं, पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया है. मेधा के क्षेत्र में लड़के एवं लड़कियों में भेद नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक दशा युवाओं पर ही निर्भर है.
यह सत्य है कि रोजगार के अभाव में युवाओं में हताशा भी देखने को मिलती है. इसका कारण है कि सरकारी नौकरियां कम हैं और जनसंख्या अधिक. ऐसे में लोगों को कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षण सुलभ करा कर अथवा जिसका जिस क्षेत्र में रुचि है, उसमें और निपुण बनाकर रोजगार सुलभ कराने की और सोचना होगा.
कभी-कभी लोग कहते हैं हमने अपने बच्चे को लोन लेकर पढ़ाया, उसका कैंपस सेलेक्शन हुआ.परिवार खुश होता है कि उसके परिवार का दुख दूर होगा, लेकिन उनको बड़े शहरों बेंगलुरू, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई जैसे स्थानों व विदेशों में भेजा जाता है और राशि कम दी जाती है.
इस वजह से वे वापस आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न कंपनियां, औद्योगिक घराने युवाओं में निहित ऊर्जा एवं शक्ति को सही दिशा दें, ताकि वे और दक्ष बनें. युवाओं से भी अपेक्षा है कि वे अपने अनुशासन का परिचय देते हुए पूर्ण समर्पण भाव से कार्य करें. स्वयं के साथ अपने समाज, राज्य व राष्ट्र का नाम सुशोभित करें.
मुख्यमंत्री रघुवर दास बाेले
10 साल में विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा होगा झारखंड
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड ने एक साथ एक लाख से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र देकर दुनिया में इतिहास रचा है. झारखंड में प्राकृतिक संसाधन, सामर्थवान मानव बल की कोई कमी नहीं है. आने वाले 10 वर्षों में झारखंड विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होगा. इसको लेकर सरकार प्रतिस्पर्धा के तौर पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि हम मानव संसाधन की पूंजी से देश का ग्रोथ रेट बढ़ा सकते हैं. टीम झारखंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कौशल विकास के सपने को साकार कर रहा है. इससे पहले किसी सरकार ने युवाओं के रोजी रोजगार की चिंता नहीं की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में युवा शक्ति को हुनर देकर रोजगार देने का काम किया जा रहा है. सरकार के गांव के गरीब बच्चों को हुनरमंद बना कर रोजगार दिलाने का काम करेगी.
70 साल तक युवा शक्ति से झंडा ढुलाया : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आजादी के 70 साल तक राजनीतिक दलों ने युवा शक्ति से झंडा ढुलाने का काम किया. युवा शक्ति की चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और इन्हें हुनरमंद बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय बनाने का काम किया.
अब युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार मिल रहा है. आज दुनिया में युवाओं की जरूरत है. झारखंड के युवा आज देश के कई राज्यों की अर्थव्यवस्था संभाल रहे हैं.
झारखंड के युवाओं को कृषि, उद्योग, माइनिंग और सर्विस सेक्टर जैसे तमाम क्षेत्रों में सही ट्रेनिंग देकर विदेश भेजने की व्यवस्था की जा रही है.
कोई काम छोटा नहीं होता, मजदूर से बना मुख्य सेवक
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है. मैं भी एक मजदूर था. आठ साल तक टाटा कंपनी में अस्थायी कर्मचारी था. बाद में राजनीतिक के क्षेत्र में आ गया और संघर्ष करते हुए एक मजदूर से राज्य के मुख्य सेवक के रूप में आपके सामने उपस्थित हूं.
इसलिए जो भी काम मिला है, उसे मन लगा कर करें. कामयाबी जरूर मिलेगी. जीवन में सुख, दुख व उतार चढ़ाव होते हैं. हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. क्रिकेटर चेतन शर्मा ने इस बखूबी साबित किया. उन्होंने 1996 में मिली निराशा से उबर कर 1997 में पहली बार वर्ल्ड कप में हैट्रिक विकेट लेने का काम किया.
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