यूपीए खेमा में गठबंधन को लेकर चल रही है कवायद
गोड्डा, जमशेदपुर, चाईबासा, चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग आदि सीटों पर कई दलों की है नजर
रांची : यूपीए खेमा में गठबंधन को लेकर कवायद चल रही है. झामुमो ने इस बार पहल की है़ खरमास के बाद यूपीए के नेता गठबंधन पर चर्चा के लिए बैठेंगे. यूपीए के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा आसान नहीं है़
झामुमो, कांग्रेस और झाविमो के बीच कई सीटें फंस रही है़ं राजद की नजर भी कई सीटों पर है़ ऐसे में सभी दलों के बीच सर्वमान्य समीकरण बैठाना आसान नहीं होगा़ संताल परगना की गोड्डा सीट का मामला अभी यूपीए में सबसे गर्म है़ इस सीट पर झाविमो ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है़ झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में है़ं वहीं कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी इस सीट पर पारंपरिक दावेदार रहे है़ं
झाविमो गोड्डा को लेकर कांग्रेस को मनाने में जुटा है़ इस सीट को लेकर यूपीए के अंदर की राजनीति गरमायी हुई है़ वहीं जमशेदपुर सीट पर झामुमो की दावेदारी रही है, लेकिन वहां से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार का ही मामला फंस रहा है़ अपने प्रदेश अध्यक्ष के लिए कांग्रेस अड़ सकती है़
मिली सूचना के अनुसार, कांग्रेस इसके बदले खूंटी की सीट देने के मूड में है़ चतरा सीट पर झाविमो, कांग्रेस और राजद तीनों के बीच टकराहट है़ झाविमो चतरा लोकसभा सीट को लेकर खूब पसीना बहा रहा है़ झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी लगातार इन इलाकों का दौरा कर रहे है़ं कांग्रेस भी चतरा सीट पर अपनी दावेदारी करती रही है़ सूचना के मुताबिक, राजद गठबंधन में दो सीटों पर ताल ठोकेगा़ चतरा और पलामू पर उसकी नजर है़ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अगर चतरा सीट छोड़ने का आग्रह करते हैं, तो यूपीए के अंदर सहमति बनानी होगी़ उत्तरी छोटानागपुर की गिरिडीह और हजारीबाग की सीटों पर भी रोड़ा है़ गिरिडीह सीट पर झामुमो के नेता दांव लगा रहे हैं.
जगन्नाथ महतो सहित कई नेताओं की नजर है़ वहीं कांग्रेस गिरिडीह सीट हासिल करना चाहती है़ हजारीबाग में कांग्रेस की जमीनी पकड़ रही है़ वहीं झामुमो भी इस सीट को हासिल करने के लिए जोड़-तोड़ कर रहा है़ कोल्हान में चाईबासा सीट में भी कांटा फंस रहा है़ कांग्रेस ने गीता कोड़ा को पार्टी में शामिल कर संकेत दे दिये है़ं झामुमो चाईबासा सीट पर उलझन खड़ा कर सकता है़
कुल मिला कर यूपीए के अंदर कई सीटों पर घटक दलों के बीच उठा-पटक तय है़ इन सीटों के पेच को सुलझाये बिना यूपीए में गठबंधन की गाड़ी आगे नहीं बढ़ने वाली है़ घटक दलों को समझौता के लिए बैकफुट पर आना ही होगा़ कोई भी दल अड़ा, तो मुश्किल खड़ी होगी़ राज्य में लोकसभा की 14 सीटों में आधा दर्जन सीट पर घटक दलों को रास्ता निकालना होगा़