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रांची : दिव्यांगों को सशक्त बना रही है टाटा स्टील, चल रहा स्पर्श व सबल केंद्र

टाटा स्टील का नोआमुंडी व जामाडोबा में चल रहा स्पर्श व सबल केंद्र पूर्वी भारत में दिव्यांगों के लिए अपने प्रकार का एकमात्र केंद्र है सबल रांची : टाटा स्टील कंपनी झारखंड के जामाडोबा और नोआमुंडी में स्पर्श तथा सबल के माध्यम से दिव्यांगों के सशक्तीकरण का काम कर रही है. दिव्यांगों को गरिमामय जीवन […]

टाटा स्टील का नोआमुंडी व जामाडोबा में चल रहा स्पर्श व सबल केंद्र

पूर्वी भारत में दिव्यांगों के लिए अपने प्रकार का एकमात्र केंद्र है सबल

रांची : टाटा स्टील कंपनी झारखंड के जामाडोबा और नोआमुंडी में स्पर्श तथा सबल के माध्यम से दिव्यांगों के सशक्तीकरण का काम कर रही है. दिव्यांगों को गरिमामय जीवन प्रदान करने की सोच, गुणात्मक प्रशिक्षण व समावेशन के प्रोत्साहन के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने की मुहिम के साथ सबल का शुभारंभ तीन दिसंबर 2017 को नोआमुंडी में किया गया.

पूर्वी भारत में दिव्यांगों के लिए अपने प्रकार का एकमात्र केंद्र ‘सबल’ टाटा स्टील स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसएसडीएस) और इनैबल इंडिया फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी की एक संयुक्त पहल है. इनैबल इंडिया देश की एक प्रमुख संस्था है, जो भारत में काफी समय से दिव्यांगों का जीवन संवारने का काम कर रही है.

सबल दिव्यांगों को विभिन्न पाठ्यक्रमों ऑफर करता है. प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, विकलांगता जागरूकता कार्यशाला, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम, करियर जागरूकता कार्यशाला व कंप्यूटर में फाउंडेशन कोर्स आयोजित किये जा रहे हैं. टाटा स्टील नोआमुंडी में दिव्यांगों का पता लगाने से लेकर भारत सरकार से विकलांगता प्रमाणपत्र दिलाने के अलावा दिव्यांगों के लिए संबंधित सरकारी नीतियों का लाभ दिलाने में भी उनकी मदद करती है. अब तक 1000 से अधिक दिव्यांगों को चिह्नित कर उनका पंजीकरण कराया गया है.

दिव्यांगों के लिए इस साल नोआमुंडी में टाटा स्टील ने फरवरी में पहला झारखंड स्टेट ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया.यह सबल की ही देन है कि बायें पैर से विकलांग रीमा आज कोलकाता में एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी वीएफएस ग्लोबल के साथ काम रही है, जहां वह कोरिया की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए वीजा प्रोसेस करती है. इसी प्रकार वर्ष 2009 में जामाडोबा में एक दिव्यांग देखभाल इकाई स्पर्श (टाटा स्टील और लेप्रा का संयुक्त उद्यम) की शुरुआत की गयी थी.

टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) और लेप्रा सोसाइटी द्वारा इस संयुक्त पहल को कुष्ठ रोग और लिम्फैटिक फायलेरियासिस से प्रभावित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के अभियान के साथ आरंभ किया गया था, जो सामाजिक संरचनाओं, निरक्षरता और रोग को लेकर जागरूकता की कमी के कारण कलंकित जीवन जीने को मजबूर थे. इस केंद्र का एकमात्र उद्देश्य लोगों विशेष रूप से विकलांगों के जीवन की गुणवत्ता और उनके स्वास्थ्य में सुधार करना है. स्पर्श जरूरतमंदों को ओपीडी सेवाएं प्रदान करता है.

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