रांची : सिविल सजर्न कार्यालय व सदर अस्पताल में वर्षो से काम कर रहे कई लिपिक अब भी वहीं हैं. कई बार शिकायत किये जाने के बाद भी केवल खानापूर्ति की गयी. झारखंड चिकित्सा व जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की शिकायत पर विभाग की क्षेत्रीय उप निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ मीना ने मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य को सौंपी थी. इसमें यह स्पष्ट था कि ये लिपिक पांच से 25 वर्षो से शहरी क्षेत्र में काम कर रहे हैं जिनकी नियुक्ति दैनिक मानदेय के आधार पर की गयी है.
उन्होंने रिपोर्ट में इस निर्णय को नियमानुकूल नहीं माना था. सिविल सजर्न मुख्यालय में कार्य के महत्व को देखते हुए यहां योग्य व अनुभवी कर्मियों की जरूरत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इससे पहले सितंबर-12 में रांची के सिविल सजर्न ने इन लिपिकों को सिविल सजर्न कार्यालय से सदर अस्पताल फिर सदर अस्पताल से सिविल सजर्न कार्यालय भेज कर ट्रांसफर-पोस्टिंग की खानापूर्ति की थी. इससे संबंधित खबर मीडिया में आने के बाद आठ फरवरी को संघ ने मुख्यमंत्री से भी मामले की शिकायत की थी. तब मुख्यमंत्री सचिवालय से इन लिपिकों को हटाने संबंधी निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया था. पर विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.