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आयकर विभाग ने जांच में देवघर में 400 से अधिक मामले चिह्नित किये, दानपत्र के सहारे आदिवासियों की जमीन लेने वालों पर होगी कार्रवाई

रांची : आयकर विभाग ने देवघर में दानपत्र के सहारे आदिवासियों की जमीन हस्तांतरण के 400 से अधिक मामले चिह्नित किये हैं. इनमें से कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है. झारखंड में गलत कृषि आय के सहारे टैक्स चोरी के 272, फर्जी शेयर के 654, […]

रांची : आयकर विभाग ने देवघर में दानपत्र के सहारे आदिवासियों की जमीन हस्तांतरण के 400 से अधिक मामले चिह्नित किये हैं. इनमें से कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है. झारखंड में गलत कृषि आय के सहारे टैक्स चोरी के 272, फर्जी शेयर के 654, असुरक्षित ऋण के 1214, डेवलपमेंट एग्रीमेंट के 441 मामले चिह्नित किये गये हैं.
इसके अलावा रिफंड घोटाले के 1259 मामले पकड़ में आये हैं. मामले में शामिल दो टैक्स कंसल्टेंट को चिह्नित किया गया है. शीघ्र ही उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. झारखंड-बिहार के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कैलाश चंद्र घुमरिया ने प्रेस कांफ्रेंस में यह बातें कही.
इस वर्ष कर वसूली में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि
झारखंड-बिहार में टैक्स वसूली की चर्चा करते हुए श्री घुमरिया ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष कर वसूली में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. नये करदाताओं को जोड़ने के मामले में झारखंड-बिहार चालू वित्तीय वर्ष के दौरान देश के पहले नंबर पर है. यह भी कहा कि बिहार में बालू नीति में बदलाव के बाद काफी दिनों तक निर्माण का कार्य प्रभावित रहा. जिससे आयकर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.
इससे निपटने के लिए विभाग ने टैक्स के नये-नये स्रोतों की तलाश शुरू की. उन नये स्रोतों से सरकार को सात से आठ सौ करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिलने की संभावना है. आयकर विभाग ने कम जमीन होने या नहीं होने के बावजूद खेती से आमदनी दिखा कर टैक्स चोरी करने के 272 मामलों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू की है.
कागजी कंपनियों की शेयर की कीमत बढ़ाने के 454 मामलों पर कार्रवाई की जा रही है. असुरक्षित ऋण के चिह्नित किये गये मामलों में भी नोटिस भेजा जा रहा है. झारखंड डेवलपमेंट एग्रीमेंट के मामले में कैपिटल गेन टैक्स की देनदारी बनती है, लेकिन झारखंड में डेवलपमेंट एग्रीमेंट करने वाले जमीन मालिकों ने कैपिटल गेन टैक्स नहीं दिया है. ऐसे मामलों में भी नोटिस भेजा रहा है.
  • बेनामी संपत्ति कानून के तहत की जायेगी कार्रवाई
  • नोटबंदी के दौरान " एक करोड़ से अधिक बैंक में जमा करने वाले 100 मामले चिह्नित किये गये हैं
  • नोटबंदी के दौरान " एक करोड़ से अधिक बैंक में जमा करने वाले 100 मामले चिह्नित किये गये हैं
और भी हैं मामले
श्री घुमरिया ने बताया कि एक पत्रकार की सूचना पर देवघर में आदिवासियों की जमीन दानपत्र के सहारे हस्तांतरित करने के 400 से अधिक मामले चिह्नित किये गये हैं. इसमें से 108 पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. इनमें कुछ मामले बेनामी संपत्ति अधिनियम के मामले भी है. संपत्ति हस्तांतरण के मामले में राशि किसी ने दी है और दानपत्र के सहारे जमीन हस्तांतरण किसी और को किया गया है.
निजी उपयोग के लिए कोयला लेकर उसकी कालाबाजारी करने से जुड़े मामलों में 200 करोड़ से अधिक का टैक्स मिला है. नोटबंदी के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक बैंक खाते में जमा करने वाले 100 मामले चिह्नित किये गये थे. इनमें से 70 को नोटिस दिया गया है. हालांकि, इन लोगों द्वारा सही-सही जवाब नहीं दिया जा रहा है. उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
रिवाइज रिटर्न दाखिल कर अपनी आमदनी का गलत ब्योरा देने और रिफंड लेने 1259 मामले चिह्नित किये गये. इसमें से 403 मामले रामगढ़ से संबंधित हैं. आय का फर्जी ब्योरा देकर रिफंड लेने वाले सभी कर्मचारी सीसीएल की कोलियरियों में कार्यरत हैं. बोकारो स्टील सिटी के 856 मामलों में गलत रिटर्न लेने के सिलसिले में कार्रवाई की जा रही है.
रिफंड घोटाले में गलत रिफंड लेने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जायेगा. जबकि, इस मामले में चिह्नित किये गये दो टैक्स कंसल्टेंट पर शीघ्र ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. झारखंड में फिलहाल 32 मामलों में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. बिहार में इस तरह के 33 मामलों में कार्रवाई की गयी है.
5.35 लाख करदाता बनाने का लक्ष्य
श्री घुमरिया ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए नये 5.35 लाख करदाता बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसमें से अब तक 70 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. झारखंड-बिहार इस मामले में देश में पहले नंबर पर है. पिछले साल भी झारखंड-बिहार ने अपने निर्धारित लक्ष्य से अधिक करदाता बनाये थे. पिछले साल 5.02 लाख लक्ष्य के मुकाबले 5.20 लाख नये करदाता बनाये गये थे. नये करदाता बनााने के मामले में पिछले साल झारखंड-बिहार देश में चौथे नंबर पर था.

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