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रांची : स्कूलों का विलय रोके सरकार, नहीं तो किया जायेगा राज्यव्यापी आंदोलन
एबीवीपी. झारखंड प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में लिया गया है निर्णय रांची : राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के विलय का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी विरोध किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की झारखंड प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को मोरहाबादी स्थित अभिवादन बैंक्वेट हॉल में शुरू हुई. इसमें स्कूल, […]
एबीवीपी. झारखंड प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में लिया गया है निर्णय
रांची : राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के विलय का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी विरोध किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की झारखंड प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को मोरहाबादी स्थित अभिवादन बैंक्वेट हॉल में शुरू हुई. इसमें स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार किया जा रहा है. पहले दिन राज्य में कम विद्यार्थी वाले स्कूलों के विलय का विरोध किया गया है.
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सरकार राज्य में विद्यालयों के हो रहे विलय पर तत्काल रोक लगाये, नहीं तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जायेगा. विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम क्यों हो रही है, इसका सोशल ऑडिट कराया जाये.
बच्चों की कमी के कारण एक ओर सरकारी विद्यालयों को बंद किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर तेजी से निजी विद्यालय खुल रहे हैं. सरकारी विद्यालयों को बच्चे नहीं मिल रहे, वहीं निजी विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है. सरकार विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित कराये.
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री केएन रघुनंदन ने कहा कि अभाविप के द्वारा सेल्फी विद कैंपस अभियान से एक राष्ट्रवाद की लहर सभी शैक्षणिक कैंपस तक फैली है.
झारखंड में शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए विद्यार्थी परिषद आंदोलन के माध्यम से सरकार को जगाने का कार्य करेगी. विश्वविद्यालय में परीक्षा व रिजल्ट समय पर प्रकाशित हो, परिषद इसे सुनिश्चित करायेगी.
प्रदेश मंत्री रोशन सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा बिना किसी पूर्व तैयारी के सीबीसीएस सिस्टम को लागू कर राज्य में छात्र हितों के साथ खिलवाड़ किया गया है. विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है, आधारभूत संरचना का अभाव है. विश्वविद्यालय में आधारभूत संरचना को बेहतर किया जाये.
प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम को बंद किया जाये. इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. विवि में चांसलर पोर्टल के माध्यम से हो रहे नामांकन पर भी विचार किया गया. वक्ताओं ने कहा कि बिना तैयारी से ऑनलाइन नामांकन प्रक्रिया शुरू की गयी. इस कारण विद्यार्थी नामांकन नहीं ले पा रहे. व्यवस्था में सुधार होने तक ऑफलाइन नामांकन प्रक्रिया भी जारी रखी जाये.
बैठक के प्रारंभ में उपस्थित सदस्यों ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा. बैठक में क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, प्रांत प्रमुख डॉ श्रवण कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ पंकज कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ दीपनारायण जायसवाल, डॉ रघुवर सिंह, प्रो विनोद एक्का, आशुतोष सिंह, श्वेतांक गर्ग, दीपेश कुमार, कृष्ण गोपाल, राजीव रंजन, नवलेश कुमार, अनुराधा पाण्डेय आदि सहित प्रदेश कार्यसमिति के 30 सदस्य उपस्थित थे.
विश्वविद्यालय में बाहरी एजेंसी को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं
बैठक में चांसलर पोर्टल के माध्यम से विश्वविद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया पर विचार किया गया. वक्ताओं ने कहा कि चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन की परिकल्पना तो बेहतर है, पर इसका क्रियान्वयन त्रुटिपूर्ण है. सरकार को नामांकन व परीक्षा से संबंधित आकड़ा उपलब्ध कराने के नाम पर बाहरी एजेंसी को विवि में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
आकड़ों के हस्तांतरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च करना किसी बड़े घोटाले का संकेत है. चांसलर पोर्टल के माध्यम से नामांकन के मामले में राजभवन व सरकार को गुमराह किया गया. नामांकन के लिए चयनित एजेंसी प्रक्रिया पूरा करने में सफल नहीं रही. बैठक में ऑफलाइन नामांकन की मांग की गयी.
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