पटना/रांची: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) की 12वीं की परीक्षा में पिछले साल की अपेक्षा इस साल रिजल्ट खराब रहा है. इसे लेकर स्टूडेंट्स और उनके अभिभावक काफी परेशान हैं. ज्यादातर स्टूडेंट्स का कहना है कि किसी खास पेपर में कम अंक आने की वजह से परसेंटेज कम रह गया है. वहीं सीबीएसइ का कहना है कि इसके लिए स्कूल जिम्मेवार हैं. रिजल्ट में कोई त्रुटि नहीं है.
अधिकारियों के अनुसार इस बार परीक्षा में ओपेन बुक टेक्स्ट सिस्टम (ओटबा) शुरू किया गया, जिसे गंभीरता से नहीं लेने की वजह से स्टूडेंट्स को नुकसान उठाना पड़ा है. इस नयी पद्धति के तहत एग्जाम से करीब तीन माह पहले ही स्टूडेंट्स को बता दिया गया था कि किस विषय में किन-किन टॉपिक्स से जुड़े सवाल पूछे जायेंगे. इन टॉपिक्स के बारे में स्टूडेंट्स को टेक्स्ट बुक्स और इंटरनेट आदि अन्य स्नेतों से तैयारी करनी थी. एग्जाम में इस सेक्शन में 20 अंकों के सवाल पूछे गये. सभी विषयों में स्टूडेंट्स ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन किसी खास विषय में अच्छी तैयारी नहीं होने की वजह से वे इसे ठीक तरीके से सॉल्व नहीं कर पाये. ज्यादातर मामले फिजिक्स में हुए.
वैरिफिकेशन के लिए अप्लाइ करें छात्र
स्कूलों और स्टूडेंट्स द्वारा ओटबा को गंभीरता को नहीं लेने की वजह से रिजल्ट खराब हुआ है. हम उम्मीद कर रहे थे कि मार्किग अच्छी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस वजह से रिजल्ट खराब हो गया. जो स्टूडेंट रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं, वे ऑनलाइन वैरिफिकेशन के लिए जल्द आवेदन कर सकते हैं.
राजीव रंजन, सिटी को-ऑर्डिनेटर
सीबीएसइ, पटना रीजन