Advertisement
हुआ खुलासा : बेसहारा बच्चे संस्थाओं को देखभाल के लिए सौंपे जाते हैं, लेकिन यहां उनसे की जाती है मारपीट
उपायुक्त के निर्देश पर गठित हुई आठ टीमों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा रांची : बच्चे-बच्चियों की देखभाल के लिए रांची में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) से निबंधित कुल 18 संस्थाएं हैं. इनकी प्रशासनिक जांच में कई चौंकाने वाला खुलासे हुए हैं. जांच रिपोर्ट बताती है कि कई संस्थाओं में मूलभूत सुविधाओं का अभाव […]
उपायुक्त के निर्देश पर गठित हुई आठ टीमों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
रांची : बच्चे-बच्चियों की देखभाल के लिए रांची में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) से निबंधित कुल 18 संस्थाएं हैं. इनकी प्रशासनिक जांच में कई चौंकाने वाला खुलासे हुए हैं. जांच रिपोर्ट बताती है कि कई संस्थाओं में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. साथ ही यहां रखे गये बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती है.
बालाश्रय आइटीआइ कैंपस, इटकी में बच्चों की देखभाल सही से नहीं होती. आये दिन बच्चों के साथ मारपीट की जाती है. स्टेशन रोड स्थित प्रेमाश्रय द जान फाउंडेशन में बच्चियों की देखभाल सही तरीके से नहीं होती है.
न ही उनकी काउंसिलिंग ही होती है. पहले से वहां रह रही बच्चियां बड़ी हो गयी हैं. उनको मां-बाप के पास भेजने का कभी कोई प्रयास भी नहीं किया गया. इसी तरह निवारणपुर के आदिम जाति सेवा मंडल में अनाथ बच्चों को रखा जाता है. यहां करीब 55 बच्चे हैं.
इनका रख-रखाव भी सही से नहीं है. प्रशासन द्वारा संस्था के संचालक को तीन माह से शो-कॉज किया जा रहा है कि बच्चों को सही ढंग से क्यों नहीं रखा जाता. लेकिन, संस्था की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जाता. वहीं, बड़ा तालाब स्थित आंचल शिशु आश्रम में संस्थान का आधारभूत संरचना पूरी तरह से खराब पाया गया है.
जबकि, तेतर टोली के बुद्ध विहार स्थित दीया सेवा संस्थान का निबंधन ओपेन शेल्टर के रूप में किया गया है. लेकिन, यह घर में चल रहा है. वहीं बरियातू हाउसिंग काॅलोनी के समाधान में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
डीडीसी के नेतृत्व में गठित कमेटी करेगी संस्थाओं को मिलनेवाले अनुदान की समीक्षा
रांची में अनाथ और बेसहारा बच्चों की देखरेख करने वाली निबंधित संस्थाओं की जांच एनडीसी राजेश कुमार के नेतृत्व में की गयी. जांच के लिए कुल आठ टीमें बनायीं गयी थी. टीमों ने अपनी जांच रिपोर्ट डीडीसी शशिरंजन को सौंप दी है.
जल्द ही रिपोर्ट की समीक्षा कर डीसी को सौंप दी जायेगी. उक्त रिपोर्ट की जांच डीडीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी तय करेगी कि किस संस्था को अनुदान दिया जाना है और किसे नहीं. वहीं, जांच पदाधिकारी ने आदिम जाति सेवा मंडल निवारणपुर को हटाने से संबंधित अनुशंसा कर दी है. जिस पर अंतिम निर्णय के लिए डीसी के पास संचिका को भेजा जायेगा. अब प्रशासन ने संस्थाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है.
यह है रांची में निबंधित 18 संस्थाएं
1. प्रेमाश्रय द जान फाउंडेशन, स्टेशन रोड 2. मिशनरी ऑफ चैरिटी, इस्ट जेल रोड 3. आदिम जाति सेवा मंडल, निवारणपुर 4. बालाश्रय आइटीआइ कैंपस, इटकी 5. सहयोग विजेज, हाउस नंबर-493, जी आर्यपुरी 6. आंचल शिशु आश्रम, बड़ा तलाब 7. नारी निकेतन, अरसंडे, कांके 8. दीया सेवा संस्थान, बुद्ध विहार, तेतर टोली 9. समाधान, बरियातू, हाउसिंग काॅलोनी 10. आशा सुशीला इंक्लेव, गांधी विहार, लेन, बरियातू 11. करुण एनएमओ, बरियातू 12. महर्षि वाल्मीकि विकलांग एवं अनाथ कल्याण सेवा आश्रम संस्थान, भुसुर, ओरमांझी 13. लोक विकास बिंदु, डुमरदगा, बूटी, सदर 14. मिशनरी ऑफ चैरिटी, न्यू गांधी नगर, हिनू 15. मिशनरी ऑफ चैरिटी, निर्मला साहु भवन, न्यू गांधी नगर, हिनू 16. इडीआइएसएस, नियर, क्रिकेट स्टेडियम धुर्वा 17. महिला सामख्या सोसायटी ट्रस्ट, जगन्नाथपुर, धुर्वा 18. भारतीय किसान संघ, बिजूपाड़ा
इन संस्थाआें को मिलता है राज्य सरकार से अनुदान : 1. बालाश्रय आइटीआइ कैंपस, इटकी
2. प्रेमाश्रय द जान फाउंडेशन, स्टेशन रोड 3. आदिम जाति सेवा मंडल, निवारणपुर 4. नारी निकेतन, अरसंडे, कांके.
बच्चा खरीदनेवालों की भी होगी गिरफ्तारी
रांची : बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की ओर से बच्चा बेचने की प्राथमिकी कोतवाली थाना में दर्ज कराने के बाद पुलिस ने इस मामले की मुख्य आरोपी निर्मल हृदय केंद्र की सिस्टर कोंसिलिया व कर्मचारी अनिमा इंदवार को जेल भेज दिया है. उसके बाद पुलिस इस मामले में बच्चा खरीदने वालों के खिलाफ भी सबूत जुटा रही है.
कोतवाली इंस्पेक्टर एसएन मंडल का कहना है कि अनुसंधान में बच्चा खरीदने वालों का नाम आते ही उन पर प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें भी गिरफ्तार किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में अब तक 17-18 बच्चों के खरीद बिक्री का मामला सामने आया है. ये बच्चे कहां-कहां बेचे गये हैं, इसकी भी जांच की जा रही है. निर्मल हृदय की गिरफ्तार कर्मचारी अनिमा इंदवार और सिस्टर कोंसिलिया ने भी स्वीकार किया था कि उन्होंने यूपी के सोनभद्र निवासी दंपती को बच्चा बेचा था. इसके अलावा पहले भी तीन बच्चे को बेचे जा चुके हैं.
इधर, इस संबंध में बाल मित्र व जुवनाइल जस्टिस मामलों के नोडल अफसर सह सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता ने कहा की बच्चा बेचने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रथम दृष्टया जो आरोपी पाये गये, उन्हें जेल भेज दिया गया है. आगे अनुसंधान जारी है, जो भी तथ्य आयेंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement