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रांची : मदरसा की तरह स्कूल-कॉलेजों को भी जमीन की शर्त में छूट
वित्तरहित शिक्षा संयुक्त माेर्चा को सीएम का आश्वासन रांची : राज्य के हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों को संताल परगना में मदरसा के तर्ज पर जमीन की शर्त में छूट दी जायेगी. जमीन के कारण स्कूल-कॉलेजों की मान्यता समाप्त नहीं की जायेगी. वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2017-18 के अनुदान का वितरण भी जल्द किया जायेगा. […]
वित्तरहित शिक्षा संयुक्त माेर्चा को सीएम का आश्वासन
रांची : राज्य के हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों को संताल परगना में मदरसा के तर्ज पर जमीन की शर्त में छूट दी जायेगी. जमीन के कारण स्कूल-कॉलेजों की मान्यता समाप्त नहीं की जायेगी. वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2017-18 के अनुदान का वितरण भी जल्द किया जायेगा.
यह आश्वासन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को उनसे मिलने गये झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को दिया. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि संताल परगना प्रमंडल में सरकार ने मदरसा को जमीन की शर्त में छूट दी है. उसी के अनुरूप स्कूल व इंटर कॉलेजों को भी इसका लाभ दिया जाये.
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मदरसा को भूमि की शर्त में जो छूट दी गयी, वह स्कूल-कॉलेजों को भी दी जायेगी. संताल परगना प्रमंडल में भूमि के मामले को लेकर मंत्री डॉ लुईस मरांडी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है.
कमेटी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. वित्तीय वर्ष 2017-18 की अनुदान राशि का वितरण नहीं होने के मामले को भी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. इस मामले को लेकर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव के लौटने के बाद उच्च स्तरीय बैठक होगी.
जुलाई में वित्तीय वर्ष 2017-18 के अनुदान का वितरण कर दिया जायेगा. राज्य में वित्तरहित शिक्षा नीति समाप्त करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जायेगी. मदरसा व संस्कृत स्कूलों को अन्य संस्थाओं की तरह दोगुना अनुदान दिया जायेगा. प्रतिनिधिमंडल में डॉ सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, डॉ देवनाथ सिंह, विजय झा, नरोत्तम सिंह, अनिल कुमार, बलदेव पांडेय, चंद्रशेखर आदि शामिल थे.
मदरसा को जमीन की शर्त में मिल रही छूट
राज्य में शिक्षण संस्थानों को मान्यता देने के लिए संस्थान के नाम से जमीन का निबंधन अनिवार्य है. संताल परगना प्रमंडल में एसपीटी एक्ट के कारण जमीन का निबंधन नहीं हो पाता है. इस कारण शिक्षण संस्थानों को मान्यता मिलने में परेशानी होती है. संताल परगना प्रमंडल में मदरसा को इस शर्त में छूट दी गयी है. मदरसा जिस जमीन पर संचालित है और उसका निबंधन मदरसा के नाम से नहीं होने पर भी सीओ की रिपोर्ट के आधार पर उसे मान्यता दे दी जाती है.
सीओ को इस आशय की रिपोर्ट देना होता है कि मदरसा द्वारा जमीन को लेकर जो दावा किया गया है, वह सही है और मदरसा उक्त जमीन पर संचालित है. यह छूट केवल मदरसा को दी गयी है. स्कूल कॉलेज में भी इसी आधार पर जमीन की शर्त में छूट की मांग कर रहे हैं.
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