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41 शहरों की रैंकिंग पहले से बेहतर हुई, बुंडू क्लीनेस्ट सिटी
स्वच्छता सर्वेक्षण.केंद्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने की अवार्ड की घोषणा रांची : केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में शामिल देश के 4041 शहरों की स्वच्छता रैंकिंग के आधार पर स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड की घोषणा कर दी है. इस प्रतिस्पर्धा में शामिल झारखंड के कुल 41 शहरों […]
स्वच्छता सर्वेक्षण.केंद्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने की अवार्ड की घोषणा
रांची : केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में शामिल देश के 4041 शहरों की स्वच्छता रैंकिंग के आधार पर स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड की घोषणा कर दी है. इस प्रतिस्पर्धा में शामिल झारखंड के कुल 41 शहरों की रैंकिंग पहले से बेहतर हुई है. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में झारखंड को बेस्ट परफाॅर्मिंग स्टेट का प्रथम पुरस्कार मिला. झारखंड ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को पछाड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है. रांची को बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीडबैक में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. वहीं गिरिडीह (1-3 लाख आबादी) को बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक का पुरस्कार मिला.
जोनल लेवल पुरस्कार (एक लाख से कम आबादी) में पूर्वी क्षेत्र में झारखंड के नगरों को चार में से तीन पुरस्कार प्राप्त हुए. इसमें बुंडू को क्लीनेस्ट सिटी, पाकुड़ को बेस्ट सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज और चाईबासा को बेस्ट सिटी इन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का पुरस्कार मिला.
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नयी दिल्ली में बुधवार को इस अवार्ड की घोषणा की. जिसमें 500 शहरों की राष्ट्रीय रैंकिंग तो 3541 शहरों की राज्य स्तर व जोनल रैंकिंग की गयी है. जिन 500 शहरों की राष्ट्रीय रैंकिंग तैयार की गयी है, उन शहरों की आबादी एक लाख से ज्यादा है. अन्य 3541 शहरों की आबादी एक लाख से कम है. इसके लिए पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिण, उत्तरी और उत्तर पूर्व पांच जोन बनाये गये थे.
गौरतलब है कि दो अक्तूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी और सरकार ने ये सपना देखा था कि दो अक्तूबर 2019 से पहले पूरा देश स्वच्छ व स्वस्थ होगा. इसी क्रम में शहरों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी, सफाई के क्षेत्र में शहरों की स्थिति बदले और इस स्वच्छता का प्रभाव शहरी नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़े, इसको लेकर सरकार ने हर वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया.
जिसकी शुरुआत 2016 में हुई. 2016 में इस प्रतिस्पर्धा में कुल 73 और 2017 में कुल 434 शहरों ने हिस्सा लिया था. इस वर्ष 4 जनवरी 2018 से शुरू होकर 10 मार्च 2018 तक चले इस सर्वेक्षण में देश के कुल 4041 शहर शामिल हुये, जिसमें राज्य के सभी 41 नगर निकायों को शामिल होने का मौका मिला.
4000 अंकों की थी प्रतियोगिता: सरकार ने इस सर्वेक्षण के लिए ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन की व्यवस्था की थी. स्वच्छता की इस परीक्षा के लिए कुल 4000 अंक निर्धारित किये गये थे.जिसमें सर्विस लेवेल प्रोग्रेस के लिए 1400 अंक का प्रावधान था. इसके साथ ही डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिए 1200 अंक और सिटीजन फीडबैक के लिए 1400 अंक का प्रावधान किया गया था.
प्रतियोगिता में आने के लिए झारखंड के शहरी क्षेत्र में हुए कई काम: राज्य मालूम हो कि सरकार के नगर विकास विभाग ने विभिन्न नगर निकायों में रैंकिंग सुधारने को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रयास किये. नगर निकायों के वाहनों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर जीआइएस टैगिंग तक के काम किये गये. जिसके कारण निकायों को इस बार अंक मिला है. लोगों में भी जागरूकता थी जिसके चलते पब्लिक फीडबैक भी बेहतर मिला.
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