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रांची : वकीलों की पिटाई मामले की सुनवाई आज, हाइकोर्ट में न्यायिक कार्य से अलग रहे अधिवक्ता, आज लौटेंगे काम पर
रांची : गढ़वा के अधिवक्ता आशीष दुबे की पिटाई मामले में सोमवार को पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त राजीव अरुण एक्का और रेंज डीआइजी विपुल शुक्ला ने राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इसकी पुष्टि एक अधिकारी ने की है. मामले की सुनवाई मंगलवार को हाइकोर्ट में होनी है. अधिवक्ताआें की पिटाई मामले में […]
रांची : गढ़वा के अधिवक्ता आशीष दुबे की पिटाई मामले में सोमवार को पलामू के प्रमंडलीय आयुक्त राजीव अरुण एक्का और रेंज डीआइजी विपुल शुक्ला ने राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इसकी पुष्टि एक अधिकारी ने की है.
मामले की सुनवाई मंगलवार को हाइकोर्ट में होनी है. अधिवक्ताआें की पिटाई मामले में वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने पीआइएल दायर किया था. लेकिन मामला हाइ प्रोफाइल होने के कारण संबंधित अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. दूसरी ओर इस मामले में रिम्स में इलाजरत अधिवक्ता आशीष दुबे को सोमवार की शाम सात बजे के करीब डिस्चार्ज कर दिया गया.
दुबे ने बताया कि उन्हें स्पाइनल और बैकबोन पेन अब भी है. लेकिन चिकित्सक ने यह कहते हुए उन्हें डिस्चार्ज कर दिया कि एक माह में सब ठीक हो जायेगा. उधर, गढ़वा में अधिवक्ता के समर्थन में कैंपेन करने वाले लोगों को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा धमकी दिये जाने की बात भी सामने आयी है. हालांकि मामले में थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है.
रांची : गढ़वा, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह व रांची के अधिवक्ता की पुलिस द्वारा पिटाई किये जाने के विरोध में अधिवक्ताअों ने सोमवार को भी झारखंड हाइकोर्ट में काम नहीं किया. अधिवक्ताअों ने नारेबाजी कर पुलिस पिटाई का विरोध किया. अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से अलग रहे. एडवोकेट्स एसोसिएशन के आह्वान पर कार्य बहिष्कार के कारण झारखंड हाइकोर्ट के विभिन्न अदालतों में सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई नहीं हो पायी.
दोपहर सभागार में एडवोकेट्स एसोसिएशन की आमसभा बुलायी गयी. इसमें महाधिवक्ता अजीत कुमार द्वारा दिये गये आश्वासन को देखते हुए कार्य बहिष्कार (न्यायिक कार्य से अलग रहने का) आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया. आठ मई से अधिवक्ता न्यायिक कार्य पर लाैट जायेंगे. आमसभा में महाधिवक्ता श्री कुमार ने अधिवक्ताअों से कहा कि विद्वान अधिवक्ताअों के साथ पुलिस ने जो व्यवहार किया है, वह निंदनीय है. इस मामले में दोषियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी. उन्होंने अधिवक्ताअों को कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया आैर आंदोलन समाप्त करने की अपील की. आमसभा की अध्यक्षता एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ने की. आमसभा का संचालन अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने किया. एसोसिएशन के धीरज कुमार ने बताया कि महाधिवक्ता के आश्वासन के बाद आमसभा में विचार किया गया. सर्वसम्मति से आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया. मौके पर सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे.
वकीलों की पिटाई मामले की सुनवाई आज
रांची. झारखंड हाइकोर्ट में आठ मई को गढ़वा सहित विभिन्न जिलों में वकीलों की पुलिस द्वारा पिटाई किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने गृह सचिव को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. साथ ही पुलिस की पिटाई से घायल गढ़वा के वकील आशीष दुबे की मेडिकल रिपोर्ट देने को कहा था.
अधिवक्ता राजीव कुमार ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि विद्वान अधिवक्ताअों के साथ पुलिस ने अमानवीय व गैरकानूनी व्यवहार किया है. किसी भी नागरिक के साथ पुलिस मारपीट नहीं कर सकती है.
सिविल कोर्ट में नौ तक जारी रहेगी अधिवक्ताओं की कलमबंद हड़ताल
रांची : गढ़वा, बोकारो अौर धनबाद में अधिवक्ताअों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर वकीलों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. रांची जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को अधिवक्ताअों ने नौ मई तक कलमबंद हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया.
इस कारण सिविल कोर्ट में मुवक्किल तो पहुंचे, वकीलों की हड़ताल के कारण उनका काम नहीं हो सका. विभिन्न अदालतों में भी हड़ताल की वजह से सन्नाटा पसरा रहा.
इधर, एसोसिएशन के नये भवन में वकीलों की बैठक हुई. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अधिवक्ताअों की कलमबंद हड़ताल नौ मई तक जारी रहेगी. इस संबंध में प्रधान न्यायायुक्त, रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जानकारी दे दी गयी है. साथ ही अधिवक्ताअों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया गया है.
किस कोर्ट में कितने मामले की नहीं हुई सुनवाई : एसीबी के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार नंबर दो की अदालत में 23, सीबीआइ सह एजेसी दिवाकर पांडे की अदालत में 30, एजेसी एसएन मिश्रा की अदालत में 25, सीबीआइ सह फास्ट ट्रैक कोर्ट एसके पांडे की अदालत में 21, सीबीआइ सह इडी के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में 23 मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. इसके अलावा अन्य कोर्ट में भी सैकड़ों मामलों में सुनवाई नहीं हो सकी. इन मामलों में अगली तिथि दी गयी है.
न्यायिक कार्यों से अलग रहने का निर्देश : एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने कहा कि हाल के दिनों में वकीलों के साथ पुलिस के द्वारा मारपीट अौर दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ी हैं.
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