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रांची : वोटर लिस्ट ने दिया धोखा, कई को नहीं मिल सका नगर सरकार चुनने का मौका

भटकते रहे पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री सीपी सिंह का भी बूथ बदला रांची : तमाम अव्यवस्थाओं के बीच सोमवार को राजधानी रांची में नगर निकाय चुनाव संपन्न हो गया. कई जगहों में इवीएम खराब होने की शिकायत मिली. जिस कारण से वोटिंग देर से शुरू हुई. वहीं, कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में […]

भटकते रहे पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री सीपी सिंह का भी बूथ बदला

रांची : तमाम अव्यवस्थाओं के बीच सोमवार को राजधानी रांची में नगर निकाय चुनाव संपन्न हो गया. कई जगहों में इवीएम खराब होने की शिकायत मिली. जिस कारण से वोटिंग देर से शुरू हुई. वहीं, कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं होने की वजह से उन्हें बूथ पर पहुंच कर वापस लौटना पड़ गया.

इवीएम लेकर बूथों पर लगातार भागते रहे अधिकारी : इधर, इवीएम खराब होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं. शिकायत मिलते ही संबंधित अधिकारी इवीएम लेकर बूथों पर लगातार भागते रहे. इधर, वार्ड नंबर-3 स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कई इवीएम खराब होने की शिकायत पर अधिकारियों द्वारा इवीएम लाया गया. लेकिन, वे भी खराब निकले.

इससे मतदाता आक्रोशित हो गये. कई वोटरों समेत कार्डिनल टेलेस्फोर पी टोप्पो को भी बगैर वोट दिये वापस लौटना पड़ा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना बूथ ढूंढ़ने में परेशानी हुई. जबकि, बूथ बदलने की वजह से नगर विकास मंत्री सीपी सिंह भी परेशान हुए. इधर, कई जगहों पर इवीएम खराब होने की वजह से हंगामा भी हुआ.

वार्ड नंबर 9 के 11 व 12 में डिप्टी मेयर की इवीएम में बटन नहीं दब रहा था. इसे लेकर कई लोगों ने हंगामा भी किया. इस वजह से तीन घंटे वोटिंग प्रभावित रही. वहीं, वार्ड नंबर-11 में भाग संख्या 318 की सूची किसी भी बूथ में उपलब्ध नहीं था. इस वजह से काफी संख्या में मतदाताओं को बगैर वोट दिये लौटना पड़ा. मतदाता अपनी सूची में नाम ढूंढने को लेकर पूरे दिन परेशान दिखे.

वोट नहीं दे पाने वालों की कसक

मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं मिला. हर बूथ पर जाकर अपना ढूंढा लेकिन, नाम नहीं मिला. मतदाता पहचान पत्र लेकर कभी आरएसएम स्कूल, तो कभी संत ज्ञानोदय स्कूल गयी, लेकिन नाम कहीं नहीं मिला.

विमल देवी

वोट देने के लिए कई बूथों पर भटकी लेकिन, कहीं भी मेरा नाम नहीं मिला. किसी प्रत्याशी ने पर्ची भी नहीं दी. बगैर वोट दिये ही घर वापस आ गयी. मतदाता सूची में नाम नहीं होना काफी गलत है. इसमें सुधार होनी चाहिए.

रूंपा देवी

काफी देर से घूम रहा हूं, लेकिन किसी वार्ड में मेरा नाम नहीं मिला. लोगों ने कहा कि राजकीय उर्दू विद्यालय देख लें. यहां भी देखा पर नहीं मिला. पिछली बार भी नहीं मिला था. कई बार शिकायत भी पर कुछ नहीं हुआ.

धर्मेंद्र सिंह

मैं वोट देने संत थॉमस स्कूल पहुंची. करीब दो घंटे तक मतदाता सूची में नाम ढूंढा, नाम नहीं मिला. कई लोगों ने भी नाम ढूंढने में सहयोग किया, लेकिन पर कुछ नहीं हुआ. निराश होकर बगैर वोट दिये वापस घर लौट आयी.

शांति देवी

मैं संत थॉमस स्कूल में मतदान करने पहुंची. मेरे पूरे परिवार का नाम बूथ में मिला. सिर्फ मेरा ही नाम गायब रहा. कई बार ढूंढा लेकिन, मेरा नाम नहीं मिला. प्रशासन की लापरवाही की वजह से मैं मतदान नहीं कर पायी.

देवंती देवी

पिछले एक घंटे से बूथ में अपना नाम ढूंढ़ रहा हूं, लेकिन अबतक नहीं मिला. पहले मेरा नाम वार्ड नंबर-22 में था, अब लोग 18 बता रहे हैं. वहां भी घूम कर आ गया, लेकिन मेरा नाम नहीं मिला. अब वापस घर जा रहा हूं.

जय प्रकाश अग्रवाल

मेरा नाम बूथ नंबर-47 में था लेकिन, मेरी पत्नी का नाम वहां से करीब पांच किमी दूर रांची-टाटा रोड पर आरसीएच के आसपास अलबर्ट एक्का स्कूल में दे दिया है. इससे काफी परेशानी हुई. भारी अव्यवस्था है.

सुरंजन खलखो

मेरे पिता महेंद्र साहू के साथ- साथ चाचा योगेंद्र साहु का नाम वार्ड नंबर-12 में नहीं मिला. काफी परेशान होने के बाद बगैर वोट दिये लौटना पड़ा. कई बूथों पर जाकर नाम ढूंढने का प्रयास किया लेकिन, नाम नहीं मिला.

अजय साहू

संत फ्रांसिस स्कूल हरमू पहुंचा, तो वहां मतदाता सूची में मेरा नाम नहीं था, जबकि मेरी पत्नी स्नेहलता का नाम सूची में था. काफी देर तक परेशान रहा. नेट में भी सर्च कराया पर मतदाता सूची में मेरा नाम नहीं था.

रामकृष्ण प्रसाद

हमने अपने परिवार के सभी सदस्यों का वाेट डलवाया, लेकिन मेरा ही नाम बूथ से गायब रहा. कई बार नाम ढूंढ़ा, लेकिन नहीं मिला. हर बार गांधी नगर रिक्रिएशन क्लब में वोट देता था. लेकिन, निराश होकर बगैर वोट दिये वापस लौट गया.

राजू

संत फ्रांसिस स्कूल हरमू में मतदान करता आ रहा था. इस बार मेरा वार्ड 26 हो गया. मतदान करने गया, तो नाम नहीं मिला. काफी देर तक मतदाता सूची लेकर नाम ढूंढ़, पर नाम नहीं मिला. नेट के माध्यम से भी ढूंढा. बाद में घर लौट आया.

दशरथ गाड़ी

मेरा नाम वार्ड 32 में था. मेरा नाम तो था, लेकिन मेरी पत्नी का नाम मतदाता सूची से गायब था. काफी देर बाद पता चला कि पत्नी समेत सारे सदस्यों का नाम वार्ड नंबर-34 में है. मैं पत्नी को लेकर मिडिल स्कूल बजरा पहुंचा. वहां वोट किया.

संजय सेठ

वोट देने के लिए घंटों डीपीएस स्थित मतदान केंद्र में भटकती रही, लेकिन वोट नहीं दे सकी. नाम ढूंढा पर नहीं मिला. जबकि, हमलोगों ने हाल ही मे वोटर आइडी बनवाया है. मेरे आइडी नंबर पर किसी दूसरी महिला का नाम दिख रहा है.

इंदू देवी

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