रांची: दवा घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन उप सचिव कुमार लालदेव सहित 15 अभियुक्तों के विरुद्ध नोटिस जारी किया गया है. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बद अभियुक्तों को नोटिस जारी किया है.
सीबीआइ ने दवा घोटाले (पार्ट-टू) में इन अभियुक्तों पर साजिश रच कर सरकार को 38.65 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि तत्कालीन उप सचिव कुमार लालदेव ने सप्लायरों के साथ मिल कर सामग्रियों के रेट में हेराफेरी की.
उन्होंने सप्लायर द्वारा लिखे गये रेट को बढ़ा दिया. सामग्रियों की खरीद में सरकार को 1.20 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव ब्रज किशोर मुंडा ने भी अपने कार्यकाल के दौरान सप्लायरों से मिल कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया. आरसीएच में आइइसी के पद पर नियुक्त रंजीता मिश्र ने गलत तरीके से अपने पति के संस्थान को 10 माह में 73.09 लाख रुपये का काम दिया. उनकी नियुक्ति भी ऐसे पद पर की गयी थी, जो पद आरसीएच में स्वीकृत नहीं था. पत्नी की नियुक्ति के बाद पति के संस्थान को काम मिलने लगा. क्राफ्ट ने बिना आपूर्ति आदेश के ही 1000 बेडशीट सहित अन्य सामग्रियों की आपूर्ति की. टेंडर पाने के लिए एक भाई ने मनमाना रेट कोट किया, जबकि दूसरे भाई ने उससे कम.
इनके विरुद्ध नोटिस जारी हुआ
कुमार लाल देव, ब्रज किशोर मुंडा, कुंज बिहारी गोयल, ज्योति गोयल, धीरेंद्र कुमार सिंह,रोहित कुमार, राहुल कुमार, प्रदीप अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, संजय मिश्र, रंजीता मिश्र, संजीव चितलांगिया, राजेश चितलांगिया