रांचीः निगरानी ने रिश्वत लेने के आरोपी विद्युत कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सूर्या मिंज और हेड क्लर्क अरविंद प्रसाद को निदरेष पाया है, जबकि सहायक अभियंता अजय कुमार पर रिश्वत लेने के आरोप को भी सही पाया है. निगरानी एसपी विपुल शुक्ला ने अपनी जांच रिपोर्ट निगरानी के एडीजी नीरज सिन्हा को सौंप दी है.
जांच में पाया गया है कि ठेकेदार सतीश कुमार ने कार्यपालक अभियंता सूर्या मिंज पर बकाये बिल 10,10,894 रुपये का भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था, लेकिन जब मामले की जांच की गयी, तब पाया गया कि सूर्या मिंज ने चेक पर हस्ताक्षर 20 मार्च को ही कर दिया था. 21 अप्रैल को चेक ट्रेजरी भी चला गया था.
24 अप्रैल ट्रेजरी से राशि सतीश कुमार के अकाउंट भी चली गयी थी. इस संबंध में उनकी प-ी के मोबाइल पर एसएमएस भी आया था, लेकिन ठेकेदार का ध्यान एसएमएस पर नहीं गया. इसी का फायदा उठाते हुए सहायक अभियंता अजय कुमार ठेकेदार को झांसे में रख कर उससे बकाया भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने लगा.
जांच में निगरानी ने पाया कि सहायक अभियंता ने ठेकेदार से जो 20 हजार रुपये रिश्वत में लिये थे. उसे गिनने के लिए अजय कुमार ने हेड क्लर्क को दिया था. रिश्वत मांगने और लेने में क्लर्क की कोई भूमिका नहीं है.