रांची: किसानों को मौसम की अद्यतन (अप टू डेट) व सटीक (एकूरेट) जानकारी देने के लिए राज्य के सभी 260 प्रखंडों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (स्वचालित मौसम केंद्र) बनाये जाने हैं. पहले चरण में 60 केंद्रों के गठन का काम इसरो की मदद से झारखंड स्टेट एप्लिकेशन सेंटर (जेसैक) कर रहा है. स्थल चयन कर उपकरण लगा भी दिये गये, लेकिन कुल 60 में से 35 केंद्रों के सेंसर गत तीन वर्ष से खराब हैं. सिर्फ 25 केंद्रों से जेसैक को डाटा (आंकड़े) मिल रहा है.
इस प्रोजेक्ट का मकसद किसानों को मौसम, बारिश, आद्रता व हवा संबंधी जानकारी देना है, ताकि किसान इनका इस्तेमाल बेहतर व सुरक्षित खेती के लिए कर सकें. इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को उनके मोबाइल पर एसएमएस से भी मौसम संबंधी जानकारी दी जानी है, पर यह काम भी अभी शुरू नहीं हो सका है. पहले चरण के 60 केंद्रों के बाद दूसरे चरण के 54 स्टेशन का काम होना है. इसके बाद के चरणों में शेष प्रखंड का, पर अभी पहला चरण ही पूरा नहीं हुआ है.
वेदर स्टेशन के सेंटर कई वर्षो से काम नहीं कर रहे. मैं गत डेढ़ वर्ष से जैसेक में हूं. इस बीच सेंसर मरम्मत के लिए इसरो को लगातार सूचना दी जा रही है. अभी 25 केंद्रों से डाटा मिल रहा है. यह आंकड़ा बीएयू के डॉ ए वदूद को उपलब्ध कराया जाता है.
सर्वेश सिंघल, निदेशक
(झारखंड स्पेस एप्लिकेशन सेंटर)
कुल 25 केंद्रों का डाटा हमें मिल रहा है. यह उपयोगी है, लेकिन इन केंद्रों का भी वर्षा (या आद्रता) का सेंसर खराब है. यह ठीक हो जाये,तो और बेहतर होगा. खरीफ के मौसम में वर्षा का आंकड़ा किसानों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है.
डॉ ए वदूद, अध्यक्ष
कृषि भौतिकी विभाग बीएयू