रांची : सरोवर नगर देवी मंडप रोड निवासी पांच परिवार के बीच पिछले सात साल से चल रहे मुकदमे को मध्यस्थता से सुलझाया गया. पांचों परिवार ने मुकदमों को आपसी सुलह के आधार पर निबटाने की बात मंजूर की. इसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) स्वयंभू अौर जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) सचिव सह मध्यस्थता केंद्र के कॉर्डिनेटर फहीम किरमानी का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
इन परिवारों का सात मुकदमों में से तीन मुकदमा सीजेएम कोर्ट में चल रहा था. सीजेएम स्वयंभू ने हर निर्धारित तारीख को दोनों पक्षों को सुलह करने के लिए प्रोत्साहित किया. इतना ही नहीं उन्होंने विभिन्न न्यायालयों में चल रहे और चार मुकदमों में भी सुलह करवाया. इसके बाद सभी मामलों को मध्यस्थता केंद्र रांची भेजा गया. डालसा सचिव फहीम किरमानी खुद मीडिएटर बने अौर संबंधित पक्षों के बीच
समझौता कराया.
मामूली विवाद को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज करा रखी थी प्राथमिकीगौरतलब है कि पांचों परिवार ने वर्ष 2011, 2012, 2013 व 2015 में मामूली विवाद को लेकर एक दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सबसे पहले राम रति देवी ने प्राथमिकी (कांड संख्या 864/11) दर्ज करवायी. इसमें अमोद कुमार सिंह एवं बिहू कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया था. इसके बाद रेणुका सिंह ने प्राथमिकी (कांड संख्या 865/11) दर्ज करायी. इसमें राजदेव प्रसाद, दिलीप कुमार, सचिन कुमार, विजय ठाकुर व बबलू ठाकुर को आरोपी बनाया गया था. उसी साल सुशील कुमार सिंह ने बिहू कुमार सिंह के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या 1146/11) दर्ज करवायी थी.
वर्ष 2012 में अमोद कुमार सिंह ने सुशील कुमार सिंह, सचिन कुमार एवं दिलीप कुमार के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या 317/12) दर्ज करायी. वर्ष 2013 में माला देवी ने अमोद कुमार सिंह, रेणुका सिंह, बिहु कुमार सिंह एवं संटी कुमार सिंह के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या 140/13) दर्ज करायी. वर्ष 2015 में कामेश्वर महतो ने बिहु कुमार सिंह के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या 658/15) दर्ज करायी. इन सभी मामलों की सुनवाई पिछले सात वर्ष से जारी थी.