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रांची : दुमका कोषागार मामले में सुनवाई टली, सोमवार को आयेगा फैसला

रांची :दुमका कोषागार मामले में आज भी फैसला टाले जाने की संभावना है. बताया जा रहा है कि जज शिवपाल सिंह ट्रेनिंग में भाग लेने गये हैं. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में सीबीआई के 12 न्यायधीश भाग ले रहे हैं.गौरतलब है कि शुक्रवार को सीबीआई के विशेष अदालत ने फैसला एक दिन के लिए टाल दिया […]

रांची :दुमका कोषागार मामले में आज भी फैसला टाले जाने की संभावना है. बताया जा रहा है कि जज शिवपाल सिंह ट्रेनिंग में भाग लेने गये हैं. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में सीबीआई के 12 न्यायधीश भाग ले रहे हैं.गौरतलब है कि शुक्रवार को सीबीआई के विशेष अदालत ने फैसला एक दिन के लिए टाल दिया था.
चारा घोटाले के तीन मामलों में लालू यादव को सजा हो चुकी है. वहीं चौथे मामले को लेकर आज फैसला आने की तारीख थी. लालू यादव ने चारा घोटाले के इस मामले में बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक, उपमहालेखा परीक्षक तथा महालेखाकार कार्यालय के निदेशक पर भी संलिप्तता का मुकदमा चलाने की मांग की थी. अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में सह अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया था.
चारा घोटाले के आरसी 38ए/96 मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने लालू प्रसाद की याचिका स्वीकार कर ली. साथ ही महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी पीके मुखोपाध्याय, बीएन झा और प्रमोद कुमार को चारा घोटाले में आरोपी बनाने के लिए नोटिस जारी किया. लालू प्रसाद ने इन अधिकारियों को अभियुक्त बनाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी.
आदेश की कॉपी याचिकाकर्ता को भी : अदालत की कार्यवाही पूर्व निर्धारित समय पर शुरू हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि लालू प्रसाद की ओर से दायर पिटिशन स्वीकार किया जाता है. कोर्ट में उपलब्ध दस्तावेज देखने यह पता चलता है कि एजी ने सरकार को कभी चेतावनी नहीं दी, जबकि पशुपालन घोटाला काफी पहले से चल रहा था.
यह प्रथम दृष्टया केस बनता है. याचिकाकर्ता (लालू प्रसाद) को यह निर्देश दिया जाता है कि वह सक्षम पदाधिकारी से उनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लायें, जिन्हें वह अभियुक्त बनाना चाहते हैं.
अदालत ने अभियोजन स्वीकृति लाने के लिए 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है. साथ ही महालेखाकार के इस मामले को चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 38ए/96 की मूल फाइल से अलग करने और 16 अप्रैल को पेश करने का निर्देश दिया. अपने आदेश की एक कॉपी याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. अदालत ने दूसरी पाली में कांड संख्या आरसी 38ए/96 में लालू प्रसाद के खिलाफ फैसले के लिए 17 मार्च की तिथि तय कर दी.

पहली बार

चारा घोटाले के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें महालेखाकार के अधिकारियों को अारोपी बनाने के लिए धारा 319 के तहत नोटिस जारी किया गया, इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लाने का निर्देश वैसे व्यक्ति (लालू प्रसाद) को दिया गया, जो खुद इस मामले में आरोपी हैं और चारा घोटाले के तीन अन्य मामले में सजा पा चुके हैं.

पहले भी धारा 319 के तहत नोटिस हो चुका है

अदालत ने इसी मामले में पूर्व वित्त सचिव वीएस दुबे, पूर्व निगरानी एडीजी डीपी ओझा, सीबीआइ के गवाह दीपेश चांडक, शिव कुमार पटवारी व फूल झा के खिलाफ संज्ञान लेने के बाद आरोपी बनाते हुए नोटिस जारी किया था.
बिहार के मुख्य सचिव (दुमका के तत्कालीन डीसी) अंजनी कुमार सिंह और सीबीआइ के एडिशनल एसपी एके झा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लाने का आदेश दिया है, ताकि उन्हें आरोपी बनाने के बाद ट्रायल शुरू किया जा सके

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