रांची : कांग्रेस और झामुमो के बीच गठबंधन का प्लॉट तैयार करने की कवायद चल रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश के नेताओं ने झामुमो के हेमंत सोरेन से संपर्क भी साधा है.
कांग्रेस-झामुमो के नेताओं के बीच बात भी बढ़ रही है. हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे के बाद यूपीए फोल्डर में सियासी हलचल भी तेज हुई है. कांग्रेस के लिए झामुमो पहली पसंद है. उधर, झाविमो का भी एक कोण है. यूपीए फोल्डर में झाविमो को शामिल करने के लिए दबाव है. इधर, झामुमो और कांग्रेस के बीच लोकसभा में सीटों का बंटवारा आसान है, लेकिन विधानसभा चुनाव में कई सीटों में पेच फंसने वाला है. संताल परगना को झामुमो अपना परंपरागत गढ़ मान कर चलता है. यहां के एक-एक सीट पर अड़ने के लिए तैयार रहता.
वहीं, संताल परगना में तीन-चार सीटें ऐसी हैं, जहां गठबंधन में तकरार तय है. पाकुड़ सीट पर कांग्रेस की प्रतिष्ठा जुड़ी है. इस सीट पर
आलमगीर आलम का कब्जा रहा है. वहीं, पिछले चुनाव में झामुमो पाकुड़ सीट जीत चुका है. ऐसे में दोनों ही दलों का इस सीट पर दावा होगा. साहेबगंज में सीट पर झामुमो की मजबूत पकड़ रही है, वहीं झामुमो के उम्मीदवार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा करेगी.
कई सीटों पर है नजर : कांग्रेस की जामताड़ा सीट पर भी झामुमो की नजर रहती है. चर्चा थी कि झामुमो यहां से चुनाव के लिए भाजपा नेता चुन्ना सिंह को तैयार कर रहा है, लेकिन पिछले दिनों झामुमो के अधिवेशन में उन्हें पार्टी में शामिल नहीं कराया गया. कोल्हान, उत्तरी छोटानागपुर और दक्षिणी छोटानागपुर में कई सीटों पर गठबंधन के दौरान किचकिच हो सकती है. कोल्हान में घाटशिला सीट पर कांग्रेस का दावा होगा. यहां सांसद प्रदीप बलमुुचु का वर्चस्व रहा है. लेकिन, इस सीट से पिछले चुनाव में झामुमो ने बाजी मारी थी. ऐसे में इस सीट पर भी कड़वाहट बढ़ सकती है. उधर, सिसई, गांडेय, जुगसलाई और पांकी जैसे सीटों पर तकरार हो सकती है.
राजद की नजर भी गठबंधन पर : यूपीए फोल्डर में गठबंधन पर राजद की भी नजर है. राजद अपना भविष्य झामुमो-कांग्रेस के बीच तलाश रहा है. राजद की पांच से सात सीट पर दावेदारी होगी, लेकिन वह गठबंधन के तहत चुनाव चाहता है. पलामू में राजद की एक-दो सीट को लेकर किचकिच हो सकती है. गढ़वा में राजद की दावेदारी रहेगी, वहीं झामुमो ने हाल के दिनों में अपना प्रदर्शन सुधारा है. मुन्नू ठाकुर ने पिछले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था, वहीं यह सीट राजद नेता गिरिनाथ सिंह के कब्जे में लंबे समय तक रही. हालांकि, यूपीए फोल्डर में राजद बड़ा फैक्टर नहीं है. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद झारखंड में मजबूत गठबंधन को लेकर पहल कर रहे हैं.