Advertisement
सरकार की नीतियों व कार्यों के खिलाफ सेमिनार कल
रांची : लोकतंत्र बचाओ मंच, झारखंड द्वारा राज्य सरकार की नीतियों व कार्यों के खिलाफ 15 फरवरी को गोस्सनर थियोलॉजिकल हॉल, गोस्सनर कंपाउंड में सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. यह जानकारी फादर स्टेन स्वामी, त्रिदिब घोष, प्रकाश विप्लव, दामोदर तूरी व अधिवक्ता शिव नंदन सिंंह ने एक्सआइएसएस सभा कक्ष में दी. उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी-पूंजीवादी […]
रांची : लोकतंत्र बचाओ मंच, झारखंड द्वारा राज्य सरकार की नीतियों व कार्यों के खिलाफ 15 फरवरी को गोस्सनर थियोलॉजिकल हॉल, गोस्सनर कंपाउंड में सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. यह जानकारी फादर स्टेन स्वामी, त्रिदिब घोष, प्रकाश विप्लव, दामोदर तूरी व अधिवक्ता शिव नंदन सिंंह ने एक्सआइएसएस सभा कक्ष में दी. उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी-पूंजीवादी विकास के आर्थिक मॉडल का अनिवार्य हिस्सा दमन और शोषण है़
इस अार्थिक मॉडल के रहते मेहनतकश जनता के शोषण, दमन, गुलामी, उनकी जमीन व पारंपरिक सामुदायिक संसाधनों से उनकी बेदखली, पलायन और उनके विस्थापन को रोका नहीं जा सकता. पिछले कम से कम 50 सालों से यह मॉडल प्रभावी रहा है़
वर्तमान समय में झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में इस मॉडल को आक्रमकता के साथ लागू किया जा रहा है़ इसका सबसे मुखर रूप प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्यों में अनुभव किया जा रहा है़ झारखंड व छत्तीसगढ़ इसके ज्वलंत उदाहरण है़ इसीलिए इन क्षेत्रों में सबसे अधिक मुखर विरोध भी सामने आता है़ पर राज्य द्वारा विरोध के इस स्वर को अपराध घोषित किया जाता है़ इसे जबरदस्ती दबाने के लिए क्रूरतापूर्ण प्रशासकीय दमन एेसे क्षेत्रों की लाक्षणिकता बन जाती है़
उन्होंने कहा कि प्रभावशाली वर्ग अपने विशेषाधिकारों को मूल अधिकारों के रूप में लागू कराने में सफल होता है, जबकि मेहनतकश वर्ग को बढ़ती असमानता के विरुद्ध संविधान में कोई उपचार हासिल नहीं होता़
मंच की मांग है कि नौकरशाही के कार्यवाहियों को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाये, भ्रष्टाचार, माओवादी बता कर फर्जी मुठभेड़ में मारे जा रहे और गिरफ्तार किये जा रहे व्यक्तियों और भूख से हुई मौतों के सिलसिले में जांच के संदर्भ में जन संगठनों को अधिकार दिया जाये़ राज्य सरकार ने मजदूर संगठन समिति को बिना कोई पूर्व सूचना दिये, समिति के लोगों से संवाद स्थापित किये बिना, कोई स्पष्टीकरण मांगे बिना उसे प्रतिबंधित कर दिया है़
इसके तुरंत बाद समिति के सदस्यों के खिलाफ चार थानों में कठोर कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया, कई गरीब आदिवासी, मजदूर सदस्यों को गिरफ्तार कर जबरन वसूली का अारोप लगा कर जेल में डाल दिया गया़ मंच की मांग है कि इस गैरकानूनी आपराधिक कार्यवाही के लिए जिम्मेवार पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाये़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement