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झारखंड : काम लटकानेवाली एजेंसियों पर दर्ज करायें प्राथमिकी

II मनोज लाल II रांची : ग्रामीण विकास सचिव अविनाश कुमार ने विधायक कोष व मुख्यमंत्री विकास योजना की राशि लेकर काम लटकानेवाली या काम नहीं करनेवाली एजेंसियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने उप विकास आयुक्तों से कहा है कि ऐसी एजेंसियों को चिह्नित करें और कार्रवाई करें. सचिव ने राज्य […]

II मनोज लाल II
रांची : ग्रामीण विकास सचिव अविनाश कुमार ने विधायक कोष व मुख्यमंत्री विकास योजना की राशि लेकर काम लटकानेवाली या काम नहीं करनेवाली एजेंसियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है.
उन्होंने उप विकास आयुक्तों से कहा है कि ऐसी एजेंसियों को चिह्नित करें और कार्रवाई करें. सचिव ने राज्य गठन के बाद से लेकर वर्ष 2013-14 तक की योजनाअों की स्थिति देखने का निर्देश उप विकास आयुक्तों कोदिया है. यानी 14 साल के दौरान जितनी भी योजनाएं लटकी है, उसकी कार्यकारी एजेंसी पर गबन का मामला दर्ज कराया जायेगा. सचिव ने जांच में पाया है कि वर्ष 2009-10 में बड़ी संख्या में योजनाएं लंबित रही है.
वहीं बड़ी राशि का समायोजन भी नहीं हुआ है. इस मामले को सचिव ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल संबंधित एजेंसियों पर कार्रवाई करने को कहा है. सचिव ने लंबे समय से दोनों योजनाअों की राशि के समायोजन नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने पाया कि अब तक इन योजनाअों में 450 करोड़ रुपये की राशि का समायोजन नहीं हुआ है. उन्होंने उक्त राशि का हिसाब करने को कहा है.
सचिव ने दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल व कोल्हान प्रमंडल की स्थिति देखी है. उन्होंने इस पर डीडीसी को निर्देश दिया है कि इसकी समीक्षा करें कि अब कौन सी राशि खर्च नहीं हो सकेगी. जिसकी खर्च होने की संभावना नहीं है, उसे कोषागार में जमा करा दें. दोनों प्रमंडलों के सारे जिलों के डीडीसी को कहा गया है कि वे वर्ष2014-15 व 2015-16 की योजनाएं हर हाल में एक माह में पूरी करा दें.
850 करोड़ रुपये था डीसी बिल : पूर्व में डीसी बिल बढ़ कर करीब 850 करोड़ रुपये हो गया था. धीरे-धीरे इसका समायोजन किया जा रहा है. इस तरह अब राशि समायोजित होकर 450 करोड़ रुपये हो गयी है. यानी डीसी बिल घट कर करीब आधा हो गया है.

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