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नवोदय के तर्ज पर जनजातीय प्रखंडों में ”एकलव्य विद्यालय”, झारखंड को होगा फायदा

रांची : केंद्र सरकार ने आज अपने बजट में अनुसूचित जनजाति बहुल इलाकों में एकलव्य विद्यालयों खोलने की घोषणा की है. यह पूर्ण रूप से आवासीय विद्यालय होगा. वित्त मंत्री जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि आदिवासी छात्रों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय ब्लॉक में एकलव्य आवासीय स्कूल खोला जाएगा. इस घोषणा […]

रांची : केंद्र सरकार ने आज अपने बजट में अनुसूचित जनजाति बहुल इलाकों में एकलव्य विद्यालयों खोलने की घोषणा की है. यह पूर्ण रूप से आवासीय विद्यालय होगा. वित्त मंत्री जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि आदिवासी छात्रों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय ब्लॉक में एकलव्य आवासीय स्कूल खोला जाएगा. इस घोषणा से झारखंड को फायदा मिल सकता है. झारखंड के दूरदराज इलाकों में अच्छे स्कूलों की कमी है.जेटली ने बताया कि सरकार प्री नर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक को समग्र रूप से देखना चाहती हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो सके

वहीं सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति के आवंटन में वृद्धि की है. केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय बांस मिशन बनाने की घोषणा की है. गौरतलब है कि झारखंड में हस्तशिल्प और कलाकारी रोजगार का बड़ा जरिया रहा है. ऐसे में बांस से बनने वाली वस्तुओं पर सरकार के नये घोषणा से लाभ पहुंचे सकता है.
जेटली ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के 39,135 करोड़ रुपये अलग से आवंटन करने का प्रस्ताव करता हूं. यह आवंटन अनुसूचित जातियों के समुदाय के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 305 कार्यक्रमों के लिए है. जेटली ने कहा कि 2017-18 के लिए आरई (संशोधित अनुमान) का निर्धारित आवंटन अनुसूचित जातियों के लिए 52,719 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के लिए 32,508 करोड़ रुपये था.

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