रांची :झारखंड के मशहूर संगीतकार बुलु घोष का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उनके आकस्मिक निधन की खबर से संगीत जगत में शोक का माहौल व्याप्त है. झारखंड के संगीत जगत में उनका बहुत सम्मान था. उनकी पत्नी मिताली घोष की गिनती झारखंड की प्रसिद्ध गायिकाओं में की जाती है.
बुलु घोष ने बनाया था रांची में पहला म्यूजिक बैंड, हमेशा किया यंगस्टर्स को प्रोत्साहित
आज सुबह भी बुलु घोष रिकार्डिंग के काम में ही जुटे थे. कुत्तों के शौकीन बुलु रिकार्डिंग छोड़कर अपने कुत्तों को देखने घर की ऊपरी मंजिल पर गये, जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा, उन्हें सेंटावीटा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनका रास्ते में ही निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार कल किया जायेगा. उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है. बेटा बंगलौर में रहता है और बेटी दिल्ली में. कल बेटा के रांची पहुंचने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा, तब तक उनका शव केसी रॉय मेमोरियल अस्पताल में ही रखा जायेगा.
कैरियर
मात्र 17 साल की उम्र में बुलु घोष ने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा था. 1972 में पढ़ाई के साथ-साथ वह संगीत के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे.उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर बुलु-पापा बैंड की स्थापना की थी, जो रांची में अपने तरह का पहला बैंड था. वे पहले दुर्गापूजा के अवसर पर परफार्मेंस देते थे. उन्होंने 1983 से म्यूजिक कैसेट की रिकार्डिंग और बिक्री का व्यवसाय शुरू किया. 1985 में उनके भाई पापा का निधन हो गया, जिससे उनके बैंड को झटका लगा. 1997 से उन्होंने नागपुरी फिल्मों का रुख किया और कई एलबम का निर्माण भी किया.