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न्यायपालिका की जवाबदेही तय होगी तभी बचेगी स्वतंत्रता : प्रशांत भूषण

रांची : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जवाबदेही व स्वतंत्रता एक दूसरे से जुड़ी हुई है. न्यायपालिका की स्वतंत्रता आवश्यक है. न्यायपालिका की जवाबदेही तय होगी, तभी स्वतंत्रता भी बचेगी. श्री भूषण ने उक्त बातें रविवार को नामकुम में इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीपुल्स लॉयर्स के तत्वावधान में न्यायिक जवाबदेही, भूमि […]

रांची : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जवाबदेही व स्वतंत्रता एक दूसरे से जुड़ी हुई है. न्यायपालिका की स्वतंत्रता आवश्यक है. न्यायपालिका की जवाबदेही तय होगी, तभी स्वतंत्रता भी बचेगी. श्री भूषण ने उक्त बातें रविवार को नामकुम में इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीपुल्स लॉयर्स के तत्वावधान में न्यायिक जवाबदेही, भूमि अधिग्रहण और आपराधिक मुकदमे का परीक्षण विषय पर आयोजित सेमिनार में कही.
उन्होंने कहा कि सरकार न्यायपालिका की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रही है. न्यायपालिका से जुड़े मामलों की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी बनाने की आवश्यकता है. देश में ज्यूडिशियल लोकपाल बनाया जाना चाहिए. लोकपाल का चयन सरकार या न्यायालय के स्तर से नहीं हो.
न्यायिक प्रक्रिया में सुधार के लिए जनता को भी आगे आना होगा. देश में ऐसी न्यायिक प्रक्रिया हो, जिसमें लोगों को अधिवक्ता की जरूरत ही नहीं हो. इसके लिए ग्राम न्यायालय बनाया जाये. गरीब लोग अदालत तक नहीं पहुंच पाते. न्यायपालिका का कार्य जनता के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना है.
न्यायपालिका इस पर भी नजर रखती है कि कार्यपालिका व विधायिका जनता के मौलिक अधिकारों का हनन तो नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि आज देश में लोकतंत्र पर जितना बड़ा खतरा है, वह पहले कभी नहीं था. आज झूठ का प्रचार किया जा रहा है. सरकार द्वारा अराजकता का फैलायी जा रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन पर वहां के लोगों का अधिकार होता है. आज राज्य सरकार लैंड बैंक बना कर लोगों की जमीन ले रही है. झारखंड के लैंड बैंक में 20 लाख एकड़ जमीन रखी गयी है. इसमें से दस लाख एकड़ कंपनियों को दी जायेगी. आज जन आंदोलन का दमन हो रहा है. बिना लोगों की अनुमति के उनकी जमीन ली जा रही है.
जन आंदोलन से गरीब जनता को न्याय मिलेगा. सेमिनार में महाराष्ट्र से आये वरीय अधिवक्ता विनायक कांकड़े ने आपराधिक मुकदमों के परीक्षण व अधिवक्ता रश्मि कात्यान ने भूमि अधिग्रहण पर अपने विचार रखे. मौकेपर संस्था के महासचिव सुरेंद्र गडलिंग, उपाध्यक्ष एम वेंकन्ना, संयुक्त सचिव अंकित ग्रेवाल आदि उपस्थित थे.

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