विरोध. विस्थापित गांवों के लोग सेना के खिलाफ हो रहे गोलबंद
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हुंडरू समेत कई गांवों के लोग उतरे सड़क पर, किया प्रदर्शन
विरोध. विस्थापित गांवों के लोग सेना के खिलाफ हो रहे गोलबंद रांची : अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले रांची जिले के सैनिक विस्थापित गांव हुंडरू समेत विभिन्न गांवों के लोगों ने शनिवार को राजभवन के समक्ष महाधरना दिया. इसमें राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग भी शामिल हुए. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह कांग्रेस […]
रांची : अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले रांची जिले के सैनिक विस्थापित गांव हुंडरू समेत विभिन्न गांवों के लोगों ने शनिवार को राजभवन के समक्ष महाधरना दिया. इसमें राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग भी शामिल हुए. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से लेकर विवाद का निबटारा करे. लोग सेना के विरोध में गोलबंद हो रहे हैं. आये दिन सेना की ओर से गांव जानेवाली सड़क की खुदाई कर दी जाती है व घर तोड़ दिया जाता है, जो गलत है़ राज्य सरकार की टीम रक्षा मंत्रालय से बातचीत कर इसका समाधान निकाले़ उन्होंने राज्यपाल से इसकी निष्पक्ष जांच करवा कर मामले का समाधान कराने का आग्रह किया.
महाधरना में कई संगठन हुए शामिल : आदिवासी अधिकार मंच, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी सेना, आदिवासी सरना महासभा, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार व पड़हा सभा के हजारों लोग महाधरना में शामिल हुए. महिलाएं, पुरुष व बच्चे हाथों में सेना के खिलाफ नारे लिखे तख्ती लिये हुए थे़
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा : धरना के बाद सैनिक छावनी निर्माण में विस्थापित हुए गांव हुंडरू, लालगंज, महुवाटोली, खटंगा, गाड़ी होटवार, सुगनु, नामकुम, जोरार, पाहन टोली, कुम्हार टोली, बरगांवा-गुरुटोली, तुम्बागुटू, करमटोली, कोचाटोली, खिजरी, कुटियातू, हिनु गितिलपीड़ी, साकेतनगर व घाघरा के ग्रामीणों की जमीन को सेना के अवैध कब्जे से मुक्त कराने को लेकर राज्यपाल को आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया.
हुंडरू में सरना स्थल का अपमान किया गया : पूर्व डिप्टी मेयर अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि रांची के आसपास जहां भी आर्मी बेस इलाका है, वहां 40 सालों से विवाद चल रहा है़ हुंडरू बस्ती में सेना ने सरना स्थल का अपमान किया है. वहीं आदिवासी सीता कच्छप का मकान तोड़ दिया गया़ राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है़ अविलंब इसका समाधान नहीं निकाला गया, तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. झाविमो महिला मोर्चा की अध्यक्ष शोभा यादव ने कहा कि लोगों को उनका हक दिलाने के लिए लगातार झाविमो ग्रामीणों के साथ रहेगा़ मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व बंधु तिर्की के अलावा प्रकाश टोप्पो, प्रफुल्ल लिंडा, सुखनाथ लोहरा, पार्षद पुष्पा तिर्की, एयरपोर्ट विस्थापित मोर्चा के महासचिव सुरेश गोप, सुभाष मुंडा, निरंजना हेरेंज, वीणा लिंडा, कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह, अरुण गोप, विनय सिन्हा दीपू, शिवा कच्छप, संजय मिंज, अमित मिंज, संजय कुजूर, दुर्गा कच्छप, किरण सांगा, पूर्व विधायक देवकुमार धान, पूर्व मेयर रमा खलखो, राजू महतो, संजय मिंज आदि मौजूद थे.
हुंडरू गांव में सरना पूजा स्थल का अपमान करने, सीता कच्छप का प्रधानमंत्री आवास तोड़ने, ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार करने, जानलेवा हमला करने व गोली मारने की धमकी देने वाले सेना के सीओ मनीष राज व अन्य पर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जाये़
एयरपोर्ट से हुंडरू-छोटा घाघरा संपर्क सर्वे रोड को सेना छावनी से मुक्त करा कर ग्रामीणों के आवागमन की गारंटी दी जाये़
नगर निगम ने नये परिसीमन में हुंडरू मौजा को राजस्व ग्राम के बजाय एमइएस दिखाया है, इसे संशोधित करते हुए हुंडरू मौजा को राजस्व ग्राम के रूप में दिखायें
सुगनू मौजा के मड़ई पूजा स्थल सहित अन्य धार्मिक व सांस्कृतिक स्थल को सेना की छावनी के अंदर बंद कर दिया गया है, उसे मुक्त करें
हुंडरू मौजा सरना स्थल का सौंदर्यीकरण करते हुए उसकी सुरक्षा के लिए चहारदीवारी बने
कांके अंचल के सुगनू मौजा के आम रास्ता को सेना के एकाधिकार से मुक्त कराया जाये़
नामकुम अंचल के जोरार मौजा के पाहनटोली व कुम्हार टोली तथा बरगांवा मौजा के गुरुटोली का आम रास्ता सेना के कब्जे से मुक्त हो
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