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स्वतंत्रता सेनानी भइया राम मुंडा की 100वीं जयंती आज
रांची : स्वतंत्रता सेनानी भइया राम मुंडा (11 जनवरी 1918-दो जनवरी 2001) की 100वीं जयंती गुरुवार को है. उन्होंने गांव- गांव घूम कर आदिवासियों को शिक्षित होने की प्रेरणा दी थी व कई का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराया था. स्व डॉ रामदयाल मुंडा व पूर्व सांसद कड़िया मुंडा आदि के मार्गदर्शक भी रहे. स्व […]
रांची : स्वतंत्रता सेनानी भइया राम मुंडा (11 जनवरी 1918-दो जनवरी 2001) की 100वीं जयंती गुरुवार को है. उन्होंने गांव- गांव घूम कर आदिवासियों को शिक्षित होने की प्रेरणा दी थी व कई का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराया था.
स्व डॉ रामदयाल मुंडा व पूर्व सांसद कड़िया मुंडा आदि के मार्गदर्शक भी रहे. स्व कार्तिक उरांव व स्व जयपाल सिंह मुंडा भी सामाजिक मसलों पर उनसे सलाह-मशविरा करते थे. निवारणपुर के अनाथ आश्रम आदिम जाति सेवा आश्रम के संचालन में उनका अहम योगदान रहा. बिरसा कॉलेज खूंटी व कुंदी में स्कूल के निर्माण में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभायी. डॉ मीनाक्षी मुंडा ने बताया कि गुरुवार को सेल्दा, मुरहू में उनके समाधि स्थल व पत्थलगड़ी स्थल पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया जायेगा़
पिता गोपाल मुंडा का निधन बाल्यावथा में होने के कारण उनकी शिक्षा-दीक्षा उनकी अशिक्षित पर शिक्षा का मूल्य समझने वाली मां चांदु देवी ने कराया़ शायद इसलिए उन्होंने महिला हक की बात की़ वह अभाव में पढ़े लेकिन अपने समय के मेधावी छात्रों में से एक थे़ उनका नाम आज भी रांची के जिला स्कूल के मेधावी छात्रों की सूची में है़
उनका नाम वर्ल्डकैट आइडेंटिटीज में भी दर्ज है़ उनकी मुंडारी कहानियों/लोक कथाओं का संकलन वर्ष 1961 में ‘ दंडा जमाकन होडो कहानी को’ के नाम से आया था. उन्होंने मुंडारी भाषा में महात्मा गांधी की जीवनी लिखी थी, जिसका प्रसारण आकाशवाणी से होता था और जिस डॉ रामदयाल मुंडा स्वर देते थे़
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