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10 साल से फरार शिक्षक उठा रहा था वेतन, जांच के बाद हुआ बर्खास्त

गलत तरीके से अनुपस्थिति विवरणी प्रस्तुत कर ले रहे थे वेतन और अन्य लाभ 2013 में शुरू हुई जांच रांची : शिक्षक पढ़ाने के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करते हैं और अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं. इसकी बानगी देखने को मिली है पलामू जिले मेें. यहां के चैनपुर प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय […]

गलत तरीके से अनुपस्थिति विवरणी प्रस्तुत कर ले रहे थे वेतन और अन्य लाभ

2013 में शुरू हुई जांच

रांची : शिक्षक पढ़ाने के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करते हैं और अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं. इसकी बानगी देखने को मिली है पलामू जिले मेें. यहां के चैनपुर प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भड़गांवा में पदस्थापित शिक्षक योगेंद्र तिवारी 2003 से 2012 तक विद्यालय से लगातार अनुपस्थित थे. लेकिन गलत तरीके से अनुपस्थिति विवरणी प्रस्तुत कर वेतन और अन्य लाभ ले रहे थे.

इसकी शिकायत मिलने पर लोकायुक्त ने 2013 में इसकी जांच शुरू करायी. जांच में आरोपी सही पाया गया. विभागीय ने उक्त शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की. इसमें दोष साबित होने पर विभाग ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया. इस मामले का निष्पादन लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने सोमवार कोे किया. इसके अलावा अन्य नौ मामलों का निष्पादन भी उन्होंने किया. इसमें अधिकांश मामले सेवानिवृत्ति लाभ से जुड़ा हुआ था.

प्रोफेसर को मिला सेवानिवृत्ति का लाभ

रांची के धुर्वा सेक्टर वन स्थित सरदार पटेल महिला महाविद्यालय में 29 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद दर्शनशास्त्र की प्रोफेसर डॉ सुरिंदर कौर 18 फरवरी 2014 को सेवानिवृत्त हो गयीं. लेकिन इन्हें पीएफ संबंधी कोई लाभ नहीं मिला. न ही कॉलेज प्रबंधन की ओर से कोई जानकारी दी जा रही थी.

इसकी शिकायत उन्होंने लोकायुक्त से की थी. लोकायुक्त ने मामले में संज्ञान लेने के बाद कॉलेज प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की. इसके बाद प्रबंधन ने प्रोफेसर काे पीएफ संबंधी लाभ दिया. लाभ मिलने से खुश डॉ सुरिन्दर कौर ने लोकायुक्त को धन्यवाद दिया है.

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