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झारखंड : टाटा स्टील का होगा विस्तार, मिलेंगे रोजगार
खुशखबरी. टाटा स्टील के एमडी ग्लोबल सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने पेश किया विजन जमशेदपुर : टाटा स्टील के विस्तारीकरण के तहत काम चल रहा है. कलिंगानगर के साथ ही जमशेदपुर में भी प्लांट की क्षमता बढ़ायी जायेगी. कंपनी आगे बढ़ेगी, तो शहर और आसपास का इलाका भी विकसित होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. […]
खुशखबरी. टाटा स्टील के एमडी ग्लोबल सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने पेश किया विजन
जमशेदपुर : टाटा स्टील के विस्तारीकरण के तहत काम चल रहा है. कलिंगानगर के साथ ही जमशेदपुर में भी प्लांट की क्षमता बढ़ायी जायेगी. कंपनी आगे बढ़ेगी, तो शहर और आसपास का इलाका भी विकसित होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा. उक्त बातें टाटा स्टील के एमडी ग्लोबल सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने कहीं. श्री नरेंद्रन सोमवार को रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. मौके पर वीपी सीएस सुनील भास्करन और टाटा स्टील काॅरपोरेट कम्यूनिकेशन के चीफ कुलविन सूरी भी मौजूद थे
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कलिंगानगर की क्षमता 8 मिलियन टन करनी है : नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील जमशेदपुर में 10 मिलियन टन तक की उत्पादन क्षमता है, जिसको 11 मिलियन टन तक ले जाने का काम शुरू हो चुका है. कलिंगानगर में 3 मिलियन टन को बढ़ा कर 8 मिलियन टन तक करना है, जिसके लिए 23 हजार करोड़ रुपये का क्लियरेंस बोर्ड ने दिया है. इसके लिए काम शुरू हुआ है.
शहर को बेहतर बनाने में कंपनी व मजदूरों की समान भूमिका : नरेंद्रन ने कहा कि कंपनी शहर का पूरा ख्याल रखती है. इस शहर को चलाने में जिस तरह की भूमिका टाटा स्टील निभा रही है, वैसी ही भूमिका यहां के कर्मचारियों और अधिकारियों की भी है, जो कड़ी मेहनत से कंपनी को आगे ले जाते हैं. उनके मुनाफा का हिस्सा ही कंपनी शहर पर खर्च करती है.
यूरोप में थाइसेन ग्रुप के साथ मिलकर कंपनी चलायेगी टाटा : स्टील टाटा स्टील के एमडी ग्लोबल नरेंद्रन ने कहा कि यूरोप में काफी चुनौतियां हैं. उसको चलाने के लिए थाइसेन ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर में टाटा स्टील कंपनी का संचालन कर रही है. 50-50 पार्टनरशिप में कंपनी संचालित होगी, जहां 22 मिलियन टन तक का स्टील का उत्पादन होगा. वहां अभी कई फैसले लेने पड़ेंगे, जिन पर काम चल रहा है.
रोजगार सृजित होंगे, स्वरोजगार के भी उपाय सुझायेगी कंपनी : कंपनी के विस्तार के साथ रोजगार सृजन से जुड़े सवाल पर श्री नरेंद्रन ने कहा कि जब कंपनी आगे बढ़ेगी तो रोजगार भी मिलेंगे. लेकिन कंपनी को प्रतिस्पर्द्धात्मक बने रहने की चुनौती है. सिर्फ नौकरी दे देने और स्टील का उत्पादन करने भर से कंपनी नहीं बच पायेगी. अन्य पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार करना है. कंपनी बेहतर स्थिति में रहेगी तभी रोजगार दिये जायेंगे. स्वरोजगार के लिए भी कंपनी उपाय कर रही है. सीएसआर के तहत जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं.
शहर की स्थिति में सुधार होगा : एमडी ने कहा कि जमशेदपुर शहर की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. सड़कें चौड़ी हो रही हैं. संसाधनों को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है. फुटबॉल के अलावा अन्य खेलों में लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, जो शहर को आगे ले जाने में सहायक साबित हो होगा. प्लांट के अंदर का सिस्टम बेहतर है, सरकार बाहरी व्यवस्था बना रही है. टाटा स्टील सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है. श्री नरेंद्रन ने जीएसटी और नोटबंदी की सराहना की.
भूषण, एस्सार समेत अन्य स्टील कंपनियों का अधिग्रहण करना चाहती है टाटा स्टील : नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील भूषण, एस्सार स्टील समेत अन्य कंपनियों का अधिग्रहण करना चाहती है. इसे लेकर हम लोग बीडिंग में भाग ले रहे हैं. इसके लिए कंपनी ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (अभिरुचि की अभिव्यक्ति) किया है. आगे क्या स्थिति होती है, यह भविष्य बतायेगा. आर्सेलर मित्तल के हट जाने के बारे में नरेंद्रन ने कहा कि हम सिर्फ अपनी कंपनी की ही बात कर सकते हैं.
सेफ्टी यात्रा जारी रहेगी : एमडी ने कहा कि टाटा स्टील जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को हासिल करना चाहती है. इस दिशा में हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सेफ्टी नियमों का कंपनी के भीतर और बाहर दोनों जगह पालन होना चाहिए. सेफ्टी को लेकर कंपनी के अंदर तो कर्मचारी हेलमेट पहनाते हैं, लेकिन कई बार शहर में बिना हेलमेट के चलते हैं, यह उचित नहीं है. नियमों का उल्लंघन कर जान जोखिम में नहीं डालना चाहिए.
टायो का चैप्टर क्लोज हो चुका है : टायो को खोलने के बारे में एमडी ने कहा कि टायो का चैप्टर क्लोज हो चुका है. इस पर फैसला लिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि हम टायो के बोर्ड में नहीं है. इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकते.
अगले सौ साल तक के लिए तैयार हो रहा प्लान : टाटा स्टील के भविष्य की योजनाओं के बारे में एमडी ने कहा कि वर्ष 1991 में टाटा स्टील को बंद करने की बात कह दी गयी थी लेकिन, कंपनी ने बदलाव किया और आज कंपनी तटस्थ है. दूरगामी सोच के साथ काम हो रहा है. आने वाले सौ साल तक के लिए कंपनी तैयार हो रही है. इसमें यूनियन भी सहयोगी की भूमिका निभाते हुए योजना को अमल में लाने के लिए बेहतर काम कर रही है.
माइंस के लिए 2030 के बाद चुनौतियां ज्यादा : नरेंद्रन ने बताया कि आयरन ओर माइंस की अभी और जरूरत है. वर्ष 2030 के बाद की चुनौतियां ज्यादा होगी जब टाटा स्टील को भी आयरन ओर के लिए बिडिंग करना होगा. उन्होंने बताया कि ओड़िशा में ऑक्शन के लिए हम लोगों ने प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं रहे. झारखंड में भी माइंस की जरूरत है.
अब तक सरकार ने ऑक्शन नहीं किया है और अगर झारखंड में भी ऑक्शन होगा तो टाटा स्टील मजबूती के साथ भाग लेगी. एक प्रश्न के जवाब में श्री नरेंद्रन ने कहा कि सौ साल से ज्यादा साल तक काम करने वाली कंपनी को भी एक ही तरह के बिडिंग में भाग लेना पड़ रहा है, लेकिन उससे टाटा स्टील घबराने वाली नहीं है. हम बिडिंग में हिस्सा लेकर माइंस चलायेंगे.
झरिया माइंस को लेकर सबसे बात करेंगे : एमडी ने झरिया में कोयला के उत्खनन कार्य की स्थिति की भी विस्तार से जानकारी दी. बताया कि झरिया में जो कोयला निकाला जा रहा है, उसकी लागत विदेश से लाये जा रहे कोयले से ज्यादा महंगा है. हकीकत यह है कि झरिया में कोयला की क्वालिटी कम हो चुकी है और लागत खर्च ज्यादा पड़ रहा है. इस माइंस को कैसे चलाया जाये, यह चुनौती है. इसको लेकर वहां की यूनियन से बातचीत की गयी है. सबसे बात करने के बाद ही कोई रास्ता निकाला जायेगा.
चीन का दबाव कम हुआ, वैश्विक स्तर पर बेहतर माहौल
एमडी श्री नरेंद्रन ने कहा कि चीन का दबाव पहले से अब कम हुआ है. पिछले साल तक चीन दस मिलियन टन तक भारत में स्टील का निर्यात करता था, जबकि अभी यह घटकर पांच मिलियन टन तक हो गया. चीन पर पर्यावरण संरक्षण का दबाव आया है, जिसके बाद यह स्थिति आयी है. अब बाजार सुधर रहा है तथा वैश्विक स्तर पर स्टील इंडस्ट्रीज का बेहतर माहौल है.
राज्य सरकार ने देश व विदेश में झारखंड की ब्रांडिंग कर दी है
मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रयासों की चर्चा करते हुए श्री नरेंद्रन ने कहा कि देश और विदेश में जिस तरह से झारखंड की ब्रांडिंग हुई है, यह सराहनीय है. इससे राज्य का विकास होना तय है. सरकार ने रोड शो किये हैं. टाटा स्टील ने भी इसमें भाग लिया. झारखंड अब दुनिया की नजरों में आ चुका है. यहीं से निवेश का रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा कि अकेले जमशेदपुर में ऑटोमोबाइल और स्टील दोनों इंडस्ट्री है, जो पूरी दुनिया में कहीं नहीं है.
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