रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा समय पर उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं दिये जाने से मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक खासे नाराज हैं. सोमवार को सचिव व निदेशक ने राज्य के सभी विवि के अधिकारियों की बैठक बुलायी. साथ ही समय पर उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं देने में बरती जा रही लापरवाही का कारण जानना चाहा.
सचिव ने कहा कि वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13, 2013-14 में सरकार द्वारा दी गयी पूरी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. उन्होंने सभी विवि को 10 दिनों के अंदर उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की लापरवाही के कारण सौ करोड़ रुपये लैप्स कर गये. सचिव ने अधिकारियों को रूसा के तहत नोडल ऑफिसर व सेल का गठन करने का निर्देश दिया है. उन्होंने योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि विवि अगले वित्तीय वर्ष के लिए नयी योजनाएं तैयार करें, ताकि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके. इसके लिए सभी विवि से तय समय पर प्रस्ताव देने का निर्देश दिया.
नियुक्ति प्रस्ताव पर राज्यपाल की सहमति : राज्य के विवि में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक्ट में संशोधन के लिए मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सैयद अहमद ने स्वीकृति दे दी है. हालांकि प्रोन्नति से संबंधित प्रस्ताव को अभी स्वीकृति नहीं मिली है. शिक्षकों की नियुक्ति की अर्हता यूजीसी के मापदंड के आधार पर रखी गयी है. इससे प्रोफेसर, रीडर व प्राचार्य की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.