कई आवास पर पूर्व विधायक के रिश्तेदार और छात्र रह रहे थे.मिली जानकारी के अनुसार योगेंद्र बैठा, भूषण तिर्की, छत्रुराम महतो, कमलेश उरांव सहित कई विधायकों के नाम ये कमरे आवंटित थे. वहीं कुछ पूर्व विधायकों ने कमरे खाली कर दिये थे, लेकिन उनके करीबी लोगों ने डेरा जमा लिया था. पिछले दिनों राज्य के वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्पीकर दिनेश उरांव के साथ बैठक में इस मामले को लेकर चर्चा हुई थी. बैठक में विधानसभा आवासीय परिसर से अवैध कब्जा हटाने के लिए अभियान चलाने को कहा गया. इसके बाद जिला प्रशासन की आेर से मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जिला प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाया़
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17 वर्षों से था कब्जा कराया गया खाली
रांची : विधायक आवास परिसर में कई पूर्व विधायकों का अवैध कब्जा था. राज्य गठन के समय से ही इन आवासों पर कब्जा जमाया गया था़ तत्कालीन बिहार के समय में चुने गये विधायकों को यहां आवास आवंटित हुआ, उसके बाद से उनके करीबी इन आवासों में रह रहे थे. पिछले दो दिनों में विधानसभा […]
रांची : विधायक आवास परिसर में कई पूर्व विधायकों का अवैध कब्जा था. राज्य गठन के समय से ही इन आवासों पर कब्जा जमाया गया था़ तत्कालीन बिहार के समय में चुने गये विधायकों को यहां आवास आवंटित हुआ, उसके बाद से उनके करीबी इन आवासों में रह रहे थे. पिछले दो दिनों में विधानसभा परिसर के 42 आवासों से अवैध कब्जा हटाया गया.
वर्तमान विधायकों को नहीं मिल रहा था कमरा
वर्तमान विधानसभा के कई विधायकों को विधायक आवास में कमरा नहीं मिल रहा था. बादल पत्रलेख आज भी हिनू के एक विभागीय गेस्ट हाउस में रहते हैं. वर्तमान में कई विधायकों को अवैध कब्जा के कारण अतिरिक्त कमरा देने में परेशानी हो रही थी. अवैध कब्जा के कारण विधायकों को तीन से अधिक कमरा देने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था़
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