रांची: पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा चुनाव के तृतीय चरण में संवेदनशील बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती जानबूझ कर न किये जाने की शिकायत चुनाव आयोग से की है. श्री मुंडा ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर शिकारीपाड़ा में पुलिसकर्मियों व पोलिंग पार्टी पर हुए हमले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. आयोग को लिखे गये पत्र में उन्होंने कहा है कि दुमका निवार्चन क्षेत्र से राज्य के मुख्यमंत्री के पिता प्रत्याशी हैं.
उन्हें लाभ पहुंचाने की दृष्टि से अर्धसैनिक बलों का उपयोग न कर घोर उग्रवाद एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में जिला पुलिस बल की तैनाती की गयी, वह भी अपेक्षा से कम संख्या में. जबकि दुमका संसदीय क्षेत्र के लिए 33 कंपनी अर्धसैनिक बल उपलब्ध थे.
श्री मुंडा ने लिखा है कि इसी क्षेत्र में उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस अधीक्षक की हत्या की कर दी गयी थी, इसलिए इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना पुलिस प्रशासन का विशेष दायित्व था और हर प्रकार की सतर्कता बरतने की जरूरत थी. श्री मुंडा ने कहा है कि आम चुनाव जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील मामले में इस प्रकार के षड्यंत्र एवं चुनाव में अनैतिक लाभ पहुंचाने में संलग्न लोगों का चेहरा बेनकाब होना चाहिए.