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एंटीबॉयोटिक बेअसर होने में डॉक्टर व मरीज दोनों जिम्मेदार : डॉ सरमन

रांची :एम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी एंड मालिक्युलर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सरमन सिंह ने बताया कि वर्तमान में धड़ल्ले से एंटीबॉयोटिक का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके लिए डॉक्टर के साथ-साथ मरीज भी जिम्मेदार हैं. लेकिन हम भूल रहे हैं कि एंटीबायोटिक का दुरुपयोग अानेवाले समय के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि डॉक्टर भी […]

रांची :एम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी एंड मालिक्युलर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सरमन सिंह ने बताया कि वर्तमान में धड़ल्ले से एंटीबॉयोटिक का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके लिए डॉक्टर के साथ-साथ मरीज भी जिम्मेदार हैं. लेकिन हम भूल रहे हैं कि एंटीबायोटिक का दुरुपयोग अानेवाले समय के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि डॉक्टर भी हल्की सर्दी-खांसी में एंटीबायोटिक का प्रयोग करने लगते हैं, जिस पर रोक लगाने की जरूरत है.
डॉ सिंह इंडियन एसाेसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट के राष्ट्रीय सेमिनार से पूर्व बुधवार को रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में आयोजित प्री-कॉफ्रेंस वर्कशॉप में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारी में भी लोग एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल दवा दुकानों से लेकर करने लगते हैं. एंटीबॉयोटिक का कोर्स भी पूरा नहीं करते है. दवा खाने के एक दिन बाद राहत मिलने पर वह दवा छोड़ देते हैं.

नतीजा यह होता है कि दवा बेअसर हो जाता है. दूसरी तरफ बीमारी अपना रूप बदल रही है. बैक्टीरिया एवं वायरस मजबूत हो रहे हैं. झारखंड में मलेरिया का तेजी से बढ़ने का कारण दवाओं का बेअसर हाेना भी एक कारण है. बुधवार को रिम्स के अलावा मेदांता में इंफेक्शन कंट्रोलर एवं इटकी में टीबी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया.

एंटीबायोटिक के दुरुपयोग से हो रही है मौत : इंडियन एसाेसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट के राष्ट्रीय सचिव डॉ बीएल शेरवाल ने बताया कि पहले बीमारियों से लोगों की मौत होती थी. लेकिन जिस तरह से एंटीबॉयोटिक का दुरुपयोग किया जा रहा है, उससे भी मौत हो रही है. इसलिए डॉक्टर से परामर्श लें व कोर्स पूरा करें. चार दिनों तक चलने वाले सेमिनार में विभिन्न विषयों पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी.

बैक्टीरिया पहचानने का तरीका सीखा
कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से अाये एक्सपर्ट डॉक्टरों ने माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट एवं रिम्स के विद्यार्थियों को हैंड ऑन ट्रेनिंग (अपने हाथ से कर के सीखना) दी. एक्सपर्ट अपने साथ स्लाइड लेकर आये थे, जिसमें मौजूद बैक्टीरिया काे पहचाने एवं सही निदान करने के बारे में बताया. डॉ सरमन सिंह ने विद्यार्थियों को एचआइवी एवं ट्रांसप्लांट के मरीजों में बैक्टीरिया की पहचान करने की जानकारी दी. इस प्रशिक्षण के माध्यम से डॉक्टर स्वयं यह जांच कर पायेंगे.

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