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अचानक से कैसे रोक दें पॉलिथीन का कारोबार : संघ

रांची : पिछले दिनों राज्य सरकार ने पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इससे व्यापारियों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है. सरकार के इस फैसले ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. इससे राज्य में 1500 दुकानदार पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. झारखंड डिस्पोजेबल एवं पैकिंग मटेरियल विक्रेता संघ […]

रांची : पिछले दिनों राज्य सरकार ने पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इससे व्यापारियों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है. सरकार के इस फैसले ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है. इससे राज्य में 1500 दुकानदार पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं.
झारखंड डिस्पोजेबल एवं पैकिंग मटेरियल विक्रेता संघ के सचिव राजीव वर्मा ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि कितने व्यापारी हैं, जिनका लोन है. वे अब अचानक से व्यापार कैसे बंद कर दें? उन्होंने अन्य जिलों का हवाला देते हुए कहा कि कई जिलों में 50 माइक्रोन तक के पॉलिथीन को मान्यता दी गयी है. केवल रांची में ही पॉलिथीन के इस्तेमाल में पूर्णतया रोक लगा दी गयी है. रांची में सभी पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगाया जाना सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश का पूर्णत: पालन करने के लिए व्यापारियों को 3 से 6 माह का समय दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे व्यापारी अन्य थैलियों की बिक्री शुरू कर दी थी. उसका असर भी दिख रहा था. उन्होंने सरकार से मांग की है कि 50 माइक्रोन तक के पॉलिथीन के इस्तेमाल से रोक हटा देना चाहिए. सरकार के फैसले के विरोध में संघ ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.
पॉलिथीन पर पाबंदी सराहनीय फैसला है. धीरे-धीरे लोगों की आदत में यह शामिल हो जायेगा. मैं खुद थैला लेकर घर से आया हूं. पहले थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन बाद में यह लोगों की दिनचर्या में शामिल हो जायेगा. जुर्माना का भय भी लोगों को है, इसलिए वह थैला लेकर आ रहे हैं.
रमेश जैन
पॉलिथीन पर पाबंदी बहुत पहले लग जानी चाहिए थी, लेकिन देर ही सही इसका लाभ लोगों को मिलेगा. पॉलिथीन हमारे पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए कितना घातक है, यह लोगों को पता नहीं है. जानने वाले इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं.
सुहैल अहमद
पॉलिथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय अच्छे माइक्रॉन वाले पॉलिथीन काे उपलब्ध कराया जाना चाहिए. सामान ले जाने में दिक्कत होने लगी है. अब हर समय आदमी पॉलिथीन लेकर तो साथ चलेगा नहीं. पर्यावरण के लिए बहुत चीज हानिकारक है, उस पर भी प्रतिबंध लगान चाहिए.
पूनम सिंह
ह्वाट्सएप पर पॉलिथीन मुक्त प्रतिष्ठानों में दी जानकारी
राजधानी में दवाई दोस्त के 12 सेंटर है. हमारे यहां शुरू से पॉलिथीन का बहिष्कार किया गया है. हमारे सभी प्रतिष्ठानों में लोगों को कपड़े के थैले और कागज के ठाेंगे में दवाएं दी जाती हैं.
राजीव बारोलिया, दवाई दोस्त
हमारी दुकान में पॉलीथिन पूरी तरह बंद कर दिया गया है. ग्राहक को कहा जाता है कि थैला लेकर आइये और सामान ले जायें. पॉलिथीन के बहिष्कार में सबका सहयोग करें.
निशा झा, सत्यम शृंगार, कृष्णापुरी चुटिया
दुकान पर ‘पॉलिथिन बैग नहीं है’ की सूचना चस्पां करा दी है. ग्राहकाें को थैला लाने के लिए कहा जा रहा है, जाे थैला लेकर नहीं आ रहे हैं, उन्हें कार्टून में सामान दिया जा रहा है.
तुषार अग्रवाल, स्वास्तिक शॉप
राज्य में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध है. ऐसे में पैकेजिंग आइटम पर भी रोक लगना चाहिए. करीब 60 फीसदी खाद्य पदार्थ पैकिंग प्लास्टिक में होता है. इसपर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए.
ओम प्रकाश तिवारी, नागा बाबा खटाल
पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगना ही चाहिए. इसके उपयोग से स्वास्थ्य संंबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. कृषि में भी पॉलिथीन का दुष्प्रभाव है, इसलिए यह प्रतिबंध का यह फैसला सराहनीय है.
डॉ केके सिंह

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