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बच्चों की मानसिकता पर भी ध्यान दें शिक्षक: सिंह
रांची : शिक्षक बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ मानसिकता पर भी ध्यान दें. वर्तमान में बच्चे कई प्रकार के अनावश्यक तनाव में जीते हैं. उक्त बातें रिनपास के निदेशक डॉ अनमोल रंजन सिंह ने डीएवी हेहल में दो दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला में कही. कहा कि किसी बच्चे के स्वभाव में अचानक बदलाव दिखे, तो शिक्षक […]
रांची : शिक्षक बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ मानसिकता पर भी ध्यान दें. वर्तमान में बच्चे कई प्रकार के अनावश्यक तनाव में जीते हैं. उक्त बातें रिनपास के निदेशक डॉ अनमोल रंजन सिंह ने डीएवी हेहल में दो दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला में कही.
कहा कि किसी बच्चे के स्वभाव में अचानक बदलाव दिखे, तो शिक्षक उस पर ध्यान दें और बच्चे के माता-पिता से बातचीत करें. यह बदलाव बच्चे में चुप रहने, खेलकूद में भाग नहीं लेने आदि हो सकते हैं.
साइकोमेट्री रांची के निदेशक विकास कुमार ने कहा कि शिक्षक कक्षा में मुस्कुराते हुए जाएं जिससे बच्चों पर अच्छा प्रभाव पड़े और वे नि:संकोच अपनी समस्याओं को आपके समक्ष रख सकें. रांची प्रक्षेत्र-एफ के निदेशक एमके सिन्हा ने महात्मा नारायण दास ग्रोवर को स्मरण करते हुए कहा कि शिक्षक को मान-अपमान की भावना से रहित होकर सादा जीवन, उच्च विचार रखना चाहिए.
उन्हें कभी भयभीत अथवा किसी का दबाव महसूस नहीं करना चाहिए, जो कि ग्रोवर साहब में पाया जाता था. स्वतंत्र रूप से शैक्षणिक वातावरण में ही शिक्षा का उत्तरोत्तर विकास किया जा सकता है. कार्यक्रम के संयोजक यूके पराशर ने शिक्षकों को एक पूर्ण शिक्षक होने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि डीएवी के प्रत्येक शिक्षक को हवन करना और कराना आना चाहिए. साथ ही वेद मंत्र भी याद रहना चाहिए. कार्यशाला में 344 शिक्षक शामिल हुए. कार्यक्रम का आरंभ वैदिक हवन के द्वारा किया गया.
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