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ऑपरेशन बूढ़ा पहाड़ : लैंड माइन डिटेक्टर के बजते ही नक्सलियों ने किया था धमाका
महुआडांड़, गारू, बरवाडीह थाना क्षेत्रों में हाई अलर्ट नक्सल मामलों के विशेषज्ञ के विजय कुमार के दौरे के बाद आक्रामक हुए माओवादी रांची : ऑपरेशन बूढ़ा पहाड़ के दौरान गुरुवार को सीआरपीएफ, एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम सर्च पर थी. आगे-आगे बम निरोधक दस्ता चल रहा था. एक जगह पर लैंड माइन डिटेक्टर […]
महुआडांड़, गारू, बरवाडीह थाना क्षेत्रों में हाई अलर्ट
नक्सल मामलों के विशेषज्ञ के विजय कुमार के दौरे के बाद आक्रामक हुए माओवादी
रांची : ऑपरेशन बूढ़ा पहाड़ के दौरान गुरुवार को सीआरपीएफ, एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम सर्च पर थी. आगे-आगे बम निरोधक दस्ता चल रहा था. एक जगह पर लैंड माइन डिटेक्टर अचानक तेज आवाज में बजने लगे. दस्ते के सदस्यों ने देखा तांबे का तार गुजर रहा है.
तार पकड़कर जवान आगे बढ़ ही रहे थे कि कुछ दूरी पर एक ब्लास्ट हुआ. फिर दस्ते के कुछ पीछे दूसरा ब्लास्ट हुआ. पहले ब्लास्ट की चपेट में आने से ही आठों जवान घायल हुए थे. इसमें छह सीआरपीएफ, एक एसटीएफ और एक जिला बल का जवान शामिल था. इसके बाद जवानों ने पोजिशन ले लिया. देखा कि 40 फीट की दूरी पर करीब 100 की तादाद में माओवादी मौजूद हैं.
जवानों ने उस ओर फायरिंग झाेंक दी. जवाब में माओवादियों ने भी फायरिंग की. पीछे से अतिरिक्त फोर्स के आने से पुलिस टीम भारी पड़ी ओर माओवादी भागने को मजबूर हुए. इसके बाद करीब एक दर्जन और ब्लास्ट हुआ. जिससे जवानों के बीच भगदड़ सी स्थिति हो गयी. अच्छी बात यह रही कि जवानों को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा. अगर लैंड माइन के पास जवानों के पहुंचने पर माओवादी विस्फोट करते थे, तो भारी खामियाजा उठाना पड़ता.
ऑपरेशन बूढ़ा पहाड़ : खुशकिस्मत रहे जवान, नहीं तो उठाना पड़ता भारी खमियाजा
खराब मौसम के कारण नहीं गया एयरफोर्स और बीएसएफ का हेलीकॉप्टर
घटना के संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि जवानों के घायल होने की सूचना पर वरीय अधिकारियों ने बीएसएफ और एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर को जवानों को लाने के लिए कहा,लेकिन खराब मौसम का हवाला दे हेलीकॉप्टर नहीं गया. बाद में झारखंड पुलिस का हेलीकॉप्टर लेकर कैप्टन शील प्रिय वर्मा वहां गये. कहीं जगह नहीं मिलने पर एक खेत में हेलीकॉप्टर काे सुरक्षित उतारा. फिर घायल जवानों को लेकर वे रांची आये. इनकी इस बहादुरी के लिए डीजीपी ने इन्हें सम्मानित किया था.
बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील
लातेहार. माओवादी पोलित ब्यूरो के शीर्षस्थ नेता अरविंद जी एवं सुधारकण जी को घेरने में पुलिस घिरती जा रही है. जिले का महुआडांड़, गारू एवं बरवाडीह थाना क्षेत्रों में हाई अलर्ट की स्थिति बनी हुई है.
पिछले एक सप्ताह में पुलिस को दो घटनाओं में क्षति उठानी पड़ी है. 11 जवान लैंड माइन विस्फोट में घायल हुए हैं. पिछले तीन दिनों से बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है. भौगोलिक बनावट का जहां सीधा लाभ माओवादियों को मिल रहा है, वहीं यह पुलिस के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. पूरे पहाड़ को झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस घेरे हुए है.
इसमें झारखंड का लातेहार, गढ़वा, गुमला के अलावा छत्तीसगढ़ का बलरामपुर जिला की पुलिस शामिल है. बूढ़ा पहाड़ पर पिछले एक वर्ष से लगातार आपरेशन चलाया जा रहा है. डीजीपी डीके पांडेय ने दो वर्षों पूर्व बूढ़ा पहाड़ से सटे कुमांडीह जंगल के कटिया में रात भर कैंप किया था. उस वक्त भी माओवादी काफी उग्र हुए थे और कई घटनाओं काे अंजाम दिया था. इस बार नक्सल मामलों के विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के विजय के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र भ्रमण के उपरांत माओवादी और अधिक उग्र हुए हैं और उनके आगमन के दूसरे दिन ही लैंड माइंस विस्फोट हुए, जिसमें चार जवान घायल हुए. हालांकि घायल जवानों ने बम डिफ्यूज करने वक्त घटना घटने की बात बतायी थी.
कई गांवों में मवेशियों को नहीं मिल रहा चारा
बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के कई गांवों में मवेशियों को जंगलों में नहीं चरने भेजा जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है हर वक्त गोलीबारी का खतरा मंडराता रहता है. माओवादी उन्हें कई रास्तों पर अभी नहीं चलने का आदेश जारी कर चुके हैं. इससे मेराल, कुटकू, तिसिया, कुजरूम, लाटू आदि क्षेत्रों के ग्रामीण परेशान हैं.
अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं माओवादी
कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि माओवादी आधुनिक हथियारो से लैस हैं. उनके पास लैपटाप व टैब है, जिससे वह सारी स्थिति का जायजा लेते हैं और रिमोट करते हैं. ग्रामीणों के अनुसार माओवादी वॉकी-टॉकी से भी बातचीत करते हैं. जहां संचार का कोई साधन काम नहीं करता, वहां वे इसका इस्तेमाल करते हैं.
पुलिसिया दावा पर भारी पड़ रहे हैं माओवादी
पुलिस का दावा है कि बूढ़ा पहाड़ को दो राज्यों की पांच थाना क्षेत्रों में घेरा जा चुका है. जबकि माओवादियों की संख्या 250 से भी अधिक बतायी जा रही है. पुलिस का दावा है कि दो हजार जवानों द्वारा चारों अोर से बूढ़ा पहाड़ की घेराबंदी की जा रही है. जानकार बताते हैं कि माओवादियों को नियमित रसद-सामग्रियां व गोली-बारूद मुहैया करायी जा रही है. तभी तो माओवादी महीनों से घिरे रहने के बावजूद वहां टिके हैं.
घायल जवानों से गृह सचिव और डीजीपी ने की मुलाकात
बूढ़ा पहाड़ में लैंड माइन विस्फोट में घायल हुए जवानों से गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे और डीजीपी डीके पांडेय ने मेडिका सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जाकर शुक्रवार को मुलाकात की. डीजीपी डीके पांडेय पौने 11 बजे और गृह सचिव करीब तीन बजे अस्पताल पहुंचे थे. अस्पताल में भरती एक-एक जवानों से वार्ड में मिलकर उनका हालचाल पूछा. इलाज कर रहे डॉक्टरों से जवानों की स्थिति की जानकारी ली. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि जवानाें की स्थिति में सुधार हो रहा है. शुक्रवार को भी जवानों की आवश्यक जांच की गयी.
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