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तीन नये जजों के साथ पहली बार हाइकोर्ट में होंगे 17 जज
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में तीन नये जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है. इसमें अधिवक्ता राजेश कुमार, केपी देव व अनुभा रावत शामिल हैं. नवनियुक्त जजों के शपथ लेने के बाद हाइकोर्ट में पहली बार 17 जज होंगे. इससे पहले अधिकांश समय तक हाइकोर्ट में 15 जज ही कार्यरत रहे हैं. […]
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में तीन नये जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है. इसमें अधिवक्ता राजेश कुमार, केपी देव व अनुभा रावत शामिल हैं. नवनियुक्त जजों के शपथ लेने के बाद हाइकोर्ट में पहली बार 17 जज होंगे. इससे पहले अधिकांश समय तक हाइकोर्ट में 15 जज ही कार्यरत रहे हैं. जबकि हाइकोर्ट में जजों के 25 पद स्वीकृत हैं.
फिलहाल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल समेत 14 जज कार्यरत हैं. तीन जजों की नियुक्ति के बाद इनकी संख्या बढ़ कर 17 हो जायेगी. इसके बावजूद आठ पद रिक्त रहेंगे. मालूम हो कि जजों की कमी से हाइकोर्ट में लंबित मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. फिलहाल लगभग 80 हजार मामले लंबित हैं. इसमें एक से पांच साल तक लंबित मामलों की संख्या लगभग 40 हजार है. वहीं पांच से 10 साल तक के लंबित मामलों की संख्या 20 हजार व 10 साल से अधिक समय व एक साल तक मामलों की संख्या 10-10 हजार है.
14 जज रहने पर नये दर्ज 98 प्रतिशत मामलों का होता है निष्पादन: हाइकोर्ट में समय-समय पर जजों की संख्या 14 रही है. इस दौरान औसतन 98 प्रतिशत मामलों का निष्पादन हुआ है. 2009 में अंतिम तिमाही के दौरान जजों की संख्या 14 थी. इस दौरान 7297 नये मामले दायर हुए. इसमें से 6304 मामलों का निष्पादन हुआ. इसी प्रकार 2010 की पहली तिमाही में 6670 दर्ज नये मामलों में से 6430 मामलों का निबटारा हुआ. वर्ष 2015 की पहली व दूसरी तिमाही में 8084 व 7183 मामले निष्पादित हुए. वर्ष 2015 की पहली तिमाही में कुल दर्ज मामलों से 118 प्रतिशत मामलों का निष्पादन हुआ.
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