इस पर सभी वर्गों में व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. हिंदू संगठन और सरना सनातन समाज में बेहद आक्रोश है. श्री प्रभाकर ने सवाल किया कि क्या बाबूलाल को नहीं पता कि झारखंड में गोमाता की हत्या प्रतिबंधित है. साथ ही यह हिंदुओं तथा सरना सनातन समाज की भावना से जुड़ा मामला है. बंधु तिर्की के बयान से सांप्रदायिक सदभाव बिगड़ रहा है, लेकिन बाबूलाल चुप बैठे हैं.
ऐसा लगता है कि एक वर्ग का तुष्टीकरण कर बाबूलाल खिसक चुकी राजनीतिक जमीन फिर हासिल करना चाहते हैं. बंधु सरना संस्कृति और परंपरा के नाम पर गलतबयानी कर समाज को बांटने की साजिश कर रहे हैं. बाबूलाल ने उनके बयान से मात्र पल्ला झाड़ा है, लेकिन उन पर कार्रवाई न कर उनके बयान को मौन समर्थन दे दिया है.