दूसरी ओर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय रुआशोल और रुआशोल आंगनबाड़ी केंद्र में एक भी बच्चे नहीं थे. विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मंगल सिंह ने बताया कि ग्राम सभा और अभिभावकों के मुताबिक उनको चलना होगा. जबतक मांगें पूरी नहीं होगी. तब तक वैकल्पिक कक्षाएं चलेंगी. गांव में शिक्षित बेरोजगार युवा पढ़ाई करायेंगे. सुबह 8 बजे से 11.30 बजे तक पढ़ाई होगी. बच्चों के भविष्य खराब न हो और पढ़ाई बर्बाद नहीं हो. इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था करायी जा रही है.
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एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं लोग, सरकारी स्कूलों का बहिष्कार बच्चों को खुद पढ़ा रहे ग्रामीण
धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे रुआशोल के ग्रामीणों ने शनिवार को ग्रामसभा की. इसमें ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव रद्द होने तक वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल नहीं भेजेंगे. हालांकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए माझी अखाड़ा नामक समानांतर विद्यालय […]
धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे रुआशोल के ग्रामीणों ने शनिवार को ग्रामसभा की. इसमें ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव रद्द होने तक वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल नहीं भेजेंगे. हालांकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए माझी अखाड़ा नामक समानांतर विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई शुरू की. समानांतर विद्यालय में शनिवार को पहली से आठवीं तक 75 छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. वर्ग एक से तीन तक के बच्चों को सालगे बेसरा और वर्ग 4 से 8 वीं तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई दिनेश मुंडा ने शुरू करायी.
दूसरी ओर उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय रुआशोल और रुआशोल आंगनबाड़ी केंद्र में एक भी बच्चे नहीं थे. विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मंगल सिंह ने बताया कि ग्राम सभा और अभिभावकों के मुताबिक उनको चलना होगा. जबतक मांगें पूरी नहीं होगी. तब तक वैकल्पिक कक्षाएं चलेंगी. गांव में शिक्षित बेरोजगार युवा पढ़ाई करायेंगे. सुबह 8 बजे से 11.30 बजे तक पढ़ाई होगी. बच्चों के भविष्य खराब न हो और पढ़ाई बर्बाद नहीं हो. इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था करायी जा रही है.
31 अक्तूबर से स्कूल में बच्चों को नहीं भेज रहे ग्रामीण : विदित हो कि ग्राम सभा के निर्णय के मुताबिक अभिभावकों ने बच्चों को 31 अक्तूबर से विद्यालय भेजना बंद कर दिया है. दो नवंबर को 15 बच्चे विद्यालय पहुंचे. तीन नवंबर से विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे नहीं जा रहे हैं. ग्राम सभा की मांग है कि प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए रुआशोल और दूधचुआ के भूमि अधिग्रहित खारिज करनी होगी. बिना ग्राम सभा के ही प्रशासन ने भूमि अधिग्रहित करने के लिए भूमि को चिह्नित किया है.
प्रशासन ने करायी झूठी प्राथमिकी : हेंब्रम
रुआशोल के ग्राम प्रधान लखन हेंब्रम ने बताया कि ग्रामीणों का आंदोलन जारी रहेगा. प्रशासन ने आंदोलन को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र के तहत तीन लोगों के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी में पुलिस ने जिस दिन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. उक्त तिथि को वे ग्रामीणों के साथ बिरसा नगर थाना में थे. ग्राम प्रधानों के विरुद्ध मनगढ़ंत मामला दर्ज किया गया है. प्रस्तावित एयरपोर्ट की भूमि अधिग्रहण खारिज होने तक ग्राम सभा का आंदोलन जारी रहेगा. मांग के समर्थन में पहले अभिभावकों ने बच्चों को विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र भेजना बंद कर दिया है. 10 नवंबर को ग्राम सभा ने सरकारी जनहित योजनाओं के लाभ नहीं लेने की घोषणा की है.
बंद रहा रुआशोल आंगनबाड़ी केंद्र
रुआशोल आंगनबाड़ी केंद्र शनिवार को बंद रहा. आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटका था. आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका केंद्र में उपस्थित नहीं थीं. विदित हो कि ग्राम सभा के निर्णय के मुताबिक अभिभावक बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र नहीं भेज रहे हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में 30 बच्चे नामांकित हैं. बच्चों के केंद्र नहीं आने से पोषाहार भी नहीं बनाया जा रहा है. आंगनबाड़ी सेविका छीता मुंडा ने मोबाइल रिसीव नहीं किया. इसके कारण उनका पक्ष नहीं रखा जा सका.
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