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झारखंड : हजारीबाग के 11 गांवों में गड़बड़ी की पुष्टि, 298 एकड़ वन भूमि नक्शे से गायब, रिपोर्ट सौंपी

हजारीबाग के 11 गांवों में गड़बड़ी की पुिष्ट प्रणव रांची : प्रमंडलीय अभिलेख में मौजूद हजारीबाग के 29 गांवों से संबंधित फॉरेस्ट कैडस्ट्रल मानचित्रों में दर्शाये गये वन सीमा रेखा व वन सीमा स्तंभों में हेरा-फेरी की गयी है. सिर्फ 11 गांवों मेंं 298.50 एकड़ वन भूमि को नक्शे से गायब कर दिया गया है. […]

हजारीबाग के 11 गांवों में गड़बड़ी की पुिष्ट
प्रणव
रांची : प्रमंडलीय अभिलेख में मौजूद हजारीबाग के 29 गांवों से संबंधित फॉरेस्ट कैडस्ट्रल मानचित्रों में दर्शाये गये वन सीमा रेखा व वन सीमा स्तंभों में हेरा-फेरी की गयी है. सिर्फ 11 गांवों मेंं 298.50 एकड़ वन भूमि को नक्शे से गायब कर दिया गया है.
गड़बड़ी के आरोप में अमीन निरीक्षक सुधीर कुमार सिन्हा को बर्खास्त कर दिया गया है. अमीन उदय राज सिन्हा को निलंबित किया गया है. तीन वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोक दी गयी है. क्षेत्रीय वन संरक्षक के प्रस्ताव के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने आगे की कार्यवाही के लिए दो नवंबर को लोकायुक्त कार्यालय को रिपोर्ट सौंप दी.
क्षेत्रीय वन संरक्षक ने कोडरमा वन प्रमंडल के सहायक वन संरक्षक ब्रज बिहारी सिन्हा व तत्कालीन वन प्रमंडल पदाधिकारी अवध बिहारी सिंह के खिलाफ आरोप गठित कर इन पर विभागीय कार्यवाही चलाने का प्रस्ताव भेजा था.
फरजी तरीके से करा दी जमाबंदी : लोकायुक्त कार्यालय को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार, बरही प्रखंड के नावाडीह और दौरवा गांव में कुछ ग्रामीणों के पक्ष में नक्शे से गायब वन भूमि की स्थानीय अंचल कर्मचारियों की मिलीभगत से जमाबंदी कर दी गयी है. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक हजारीबाग की जांच में इसका खुलासा हुआ है. अब वन विभाग ने उक्त लोगों की जमाबंदी रद्द करने का अनुरोध हजारीबाग डीसी से किया है.
नक्शे से हटायी गयी वन भूमि में से 60 एकड़ पर बाहरी लोगों ने कब्जा भी जमा लिया था. बाद में वन विभाग ने पुलिस की मौजूदगी में 27 एकड़ भूमि को अतिक्रमणमुक्त करा लिया. शेष 33 एकड़ भूमि काे अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए विभाग ने अनुमंडल पदाधिकारी बरही को पत्र भेज दंडाधिकारी और पुलिस बल को प्रतिनियुक्त करने का अनुरोध किया गया है.
सरकार को 5.85 करोड़ का नुकसान : वन भूमि को नक्शे से हटाने के कारण सरकार को 5,85,26,093 रुपये की क्षति हुई है. इसकी वसूली के लिए अमीन निरीक्षक सुधीर कुमार सिन्हा के खिलाफ नीलाम पत्रवाद हजारीबाग के न्यायालय में दायर किया गया है.
उनके खिलाफ हजारीबाग थाने में तीन-अलग प्राथमिकी और एंटी करप्शन थाने में एक प्राथमिकी दर्ज है. मामले में सुधीर कुमार सिन्हा ने भी उच्च न्यायालय में पीआइएल दायर की है.

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