रांची : मजदूरों को कई मोर्चे पर लड़ाई लड़नी है. केवल सरकार से ही मजदूरों को समस्या नहीं है. कई दलाल किस्म के मजदूर संगठनों से भी मजदूरों को समस्या है. कुछ ट्रेड यूनियन ठेकेदार हो गये हैं. वे समझते हैं कि कोयला में उनकी चलती है, लेकिन असलियत है कि वह कोयले से चलते हैं. ये बातें अखिल खदान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जेबीसीसीआइ सदस्य बीके राय ने कही. श्री राय सोमवार को सीसीएल मुख्यालय के समक्ष भारत सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों को लेकर आयोजित धरना को संबोधित कर रहे थे.
श्री राय ने कहा कि कोयला कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर कई तरह के भ्रम फैलाये गये. कर्मियों को गुमराह करने की कोशिश की गयी. ऐसा वे लोग कर रहे हैं जिनके कारण निजी कंपनियां वेतन समझौते से बाहर हो गयीं. इसका नुकसान आज वहां के कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है. भारतीय मजदूर संघ सरकार की नीतियों का विरोध करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार के एक अधिकारी का घर रांची में बन रहा है. इसे बनाने का काम कोल इंडिया के अफसर कर रहे हैं. इसकी जांच कोयला मंत्रालय को करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इसमें सच्चाई नहीं है, तो इसका खंडन कोयला मंत्रालय को करना चाहिए.
कोल इंडिया को तोड़ने की हो रही है साजिश
श्री राय ने कहा कि भारत सरकार का नीति आयोग कोल इंडिया को तोड़ना चाहता है. वह चाहता है कि सभी कंपनियों को अलग-अलग कर दिया जाये. हमलोग नीति आयोग को ही बंद करने का आंदोलन करेंगे. 17 नवंबर को दिल्ली में धरना देंगे. हम चाहते हैं कि सभी कोयला कंपनियों को मिलाकर एक बोर्ड बना दिया जाये. इससे एकरूपता रहेगी. सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री ओपी सिंह ने कहा कि सीसीएल के मजदूर कराह रहे हैं. अधिकारियों की नीतियां फेल हो रही हैं. ऐसे अधिकारियों को चिह्नित कर दंडित किया जाना चाहिए. कंपनी में हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा भी लागू नहीं की गयी. पारसनाथ ओझा ने कहा कि संगठन की मर्यादा का ख्याल रखते हुए आंदोलन करेंगे. मजदूरों की हर समस्या के साथ खड़े रहेंगे.
मौके पर ये थे मौजूद
संवाददाता सम्मेलन के दौरान अखिल खदान मजदूर संघ के एसके चौधरी, एसएन सिंह, शकील आलम, रवींद्र कुमार मिश्र, राजीव रंजन सिंह, दिलीप कुमार, राम विनय, शिवशंकर सिंह, शक्ति मंडल, अरुण कुमार सिंह, जेपी झा, गिरधारी यादव, एएम त्रिपाठी, मोहनलाल मौजूद थे.
सीएमपीडीआइ में दिया गया धरना
सीएमपीडीआइ कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ सोमवार को मुख्यालय के समक्ष धरना दिया. सीएमपीडीअाइ के प्रभारी एसएन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से श्रमिकों में असंतोष है. भारत सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. कोयला उद्योग में समान कार्य के बदले समान वेतन दिया जाना चाहिए. सार्वजनिक उपक्रमों में पूंजी निवेश बंद होना चाहिए. नीति आयोग की कोयला उद्योग को बांट देने की अनुशंसा को निरस्त करना चाहिए. इस मौके पर राज कुमार सिंह, सुनील कुमार सिन्हा, देव कुमार सिंह, पवन कुमार सिंह, रवींद्र राय, शिव कुमार सिंह, सुनील साहू, रामाधार सिंह आदि मौजूद थे.